रविवार, 29 सितंबर 2024

उत्कृष्ट पत्रकारिता में सम्मानित हुए कई पत्रकार, पत्रकारों ने दी बधाई

- नवनीत रावत, प्रियंका यादव के साथ जाबिर और सुनील हुए सम्मानित

लखनऊ। नई दिल्ली में आयोजित हुए ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस में उत्कृष्ट पत्रकारिता के सम्मान में नवनीत रावत (हाथरस), प्रियंका यादव (कौशाम्बी), जाबिर अली एवं सुनील श्रीवास्तव (प्रयागराज) को सम्मानित किया गया है।
बताते चलें कि नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में विभिन्न पत्रकार संगठनों जिसमें प्रमुख रुप से इण्डियन फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स (आईएफएसएमएन), राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी), राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (आरपीएम), न्यूज मीडिया फेडरेशन (एनएमएफ), साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के साथ ही सामाजिक संगठन हम लोग (डब्ल्यूटीपी) द्वारा आयोजित किए गए ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस (एआईएमसी) में राष्ट्र की भूमिका में चुनौती भरी पत्रकारिता के विषय पर उत्कृष्ट पत्रकारिता का सम्मान प्रदान किया गाय। ये सम्मान पत्र आईएफएसएमएन के चेयरमैन अरुण गोयल, कार्यक्रम के कंवेनर डॉक्टर कमल झुनझुनवाला, न्यूज मीडिया फेडरेशन के अध्यक्ष वाई के नारायणपूरकर, हम लोग संस्था की अध्यक्ष मंजू सुराणा, साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान व अन्य के हांथ प्रदान किया गया। 
उत्कृष्ट पत्रकारिता के सम्मान में नवनीत रावत (हाथरस), प्रियंका यादव (कौशाम्बी), जाबिर अली एवं सुनील श्रीवास्तव (प्रयागराज) जोकि वर्तमान की पत्रकारिता में सक्रिय रहते हैं और बीते कई वर्षों से पत्रकारिता जगत में सेवा देते आ रहे हैं। साथ ही उक्त सभी पत्रकार वर्तमान में साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के साथ पदाधिकारी के रूप में भी काम कर रहे हैं। नवनीत रावत जोकि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रियंका यादव राष्ट्रीय सचिव, जाबिर अली राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के साथ ही प्रयागराज जिलाध्यक्ष एवं सुनील श्रीवास्तव प्रयागराज जिला कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। उक्त पत्रकारों के सम्मान पर संगठन के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय पत्रकार साथियों एवं अन्य लोगों ने बधाइयां देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है साथ ही साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने सभी को मुबारकबाद देते हुए भविष्य में संगठन के साथ ही देशहित के लिए और बेहतर करने की बात कही है। वहीं साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी ने देश में पत्रकारिता जगत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है और देश में पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न एवं घटनाओं जैसी विकराल घटनाओं से निपटने के लिए एकजुट होने की बात कही है।

शनिवार, 28 सितंबर 2024

ग्रामीण पत्रकारिता में सम्मानित हुए जनपद के शहंशाह एवं प्रदीप

फतेहपुर। नई दिल्ली में आयोजित हुए ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस में ग्रामीण परिवेश की पत्रकारिता पर जनपद के शहंशाह आब्दी एवं प्रदीप कुमार को सम्मानित किया गया है।
बताते चलें कि नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में विभिन्न पत्रकार संगठनो जिसमें प्रमुख रुप से इण्डियन फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स (आईएफएसएमएन), राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी), राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (आरपीएम), न्यूज मीडिया फेडरेशन (एनएमएफ), साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के साथ ही सामाजिक संगठन हम लोग (डब्ल्यूटीपी) द्वारा आयोजित किए गए ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस (एआईएमसी) में ग्रामीण क्षेत्र में चुनौती भरी पत्रकारिता के विषय पर ग्रामीण पत्रकारिता का सम्मान प्रदान किया गाय। ये सम्मान पत्र आईएफएसएमएन के चेयरमैन अरुण गोयल, कार्यक्रम के कंवेनर डॉक्टर कमल झुनझुनवाला, न्यूज मीडिया फेडरेशन के अध्यक्ष वाई के नारायणपूरकर, हम लोग संस्था की अध्यक्ष मंजू सुराणा, साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान व अन्य के हांथ प्रदान किया गया। 
फतेहपुर जनपद के थाना सुल्तानपुर घोष क्षेत्र के बहेरा सादात गांव निवासी शहंशाह आब्दी एवं कोडारवर गांव के निवासी प्रदीप कुमार ग्रामीण पत्रकारिता में सक्रिय रहते हैं और बीते कई वर्षों से पत्रकारिता जगत में सेवा देते आ रहे हैं। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार शहंशाह आब्दी वर्तमान में साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं जबकि प्रदीप कुमार साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के फतेहपुर जिला इकाई के प्रवक्ता भी हैं। जनपद के इन दोनों पत्रकारों के सम्मान पर स्थानीय पत्रकार साथियों एवं अन्य लोगों ने बधाइयां देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है साथ ही साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने दोनों को मुबारकबाद देते हुए भविष्य में जनपद के लिए और बेहतर करने की बात कही है।

शुक्रवार, 27 सितंबर 2024

विद्या संवाद यात्रा पहुंची कौशाम्बी, सिखाए परीक्षा के गुर

- शैक्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ विद्या संवाद 

कौशाम्बी। जिला सहारनपुर, बिजनौर, प्रयागराज और प्रतापगढ़ के किंचित माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित अपना शैक्षिक कार्यक्रम सम्पन्न कराने के उपरान्त विद्या संवाद यात्रा ने शुक्रवार को कौशाम्बी जनपद में अपना पड़ाव डाला। संवाद यात्रा का प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में अध्ययन कर रहे माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को यू०पी० बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कराना है। इसके अलावा कक्षा 10 से 12 तक के बच्चों को नयी शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत शामिल व्यावसायिक शिक्षा के वैकल्पिक विषयों की सम्यक् जानकारी देना है।
विद्या संवाद यात्रा-2024 को लक्ष्यभेदी, सार्थक तथा उपयोगी बनाने के उद्देश्य से विद्या शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के तीन नितान्त विद्वान एवं अनुभवी परीक्षा विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘द एग्जाम वॉरियर्स’ के महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र करते हुए परीक्षार्थियों को अभिप्रेरित किया। वक्ताओं ने परीक्षार्थियों से निडरतापूर्वक, धैर्य एवं साहस के साथ परीक्षाओं का सामना जीवन के किसी उत्सव की माफिक हँसते-खेलते हुए करने की शिक्षा दी।
वक्ता राजीव ओबरॉय ने दसवीं व बारहवीं कक्षा के परीक्षार्थियों को बताया कि वे सकारात्मक सोच से परिपूरित होकर परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि सफलता के मार्ग में उतार-चढ़ाव के साथ निराश करने वाली कठिनाइयों का सम्मुख आना स्वाभाविक है किन्तु हमें इस बात से प्रेरणा लेनी चाहिए कि दिक्कतें तो हर महान व्यक्ति तथा इतिहासपुरुष के मार्ग में हर बार आयी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे विद्यालय में ऐसी प्रत्येक परिस्थिति में संकट का समाधान करने की असाधारण शक्तियों ने सामने आकर शिक्षार्थियों को अभूतपूर्व प्रेरणा प्रदान की है। श्री ओबरॉय ने काव्य की पक्तियाँ दोहरायीं, ‘‘माना कि अँधेरा घना है लेकिन दीपक जलाना कहाँ मना है।’’ अँधेरा जितना सघन होता है दीपशिक्षा का प्रभामण्डल उतना ही तीव्र व व्यापक होता है।
इस संवाद यात्रा जिन विद्यालयों से होकर गुजरी उनके नाम हैं— डॉ० भीष्म सिंह कुसुम इण्टर कॉलेज, सराय अकिल, पं० यज्ञदत्त त्रिपाठी इण्टर कॉलेज, दानपुर अषाढ़ा, एम०आर०यू०एन० इण्टर कॉलेज, गोविन्दपुर गोरियों, आदर्श ग्राम सभा इण्टर कॉलेज, चरवा, कौशाम्बी।
आर० एण्ड डी० प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ० जय शंकर आत्रेय ने मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्राफियाँ व डायरियाँ प्रदान कर उत्साहित तथा प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों की प्रशस्ति भी की। डॉ० आत्रेय ने विद्यालयों के गुरुजनों को सम्मान प्रतीक प्रदान करते हुए उनका हार्दिक अभिनंदन भी किया।

बुधवार, 25 सितंबर 2024

ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस का हुआ आयोजन, मीडियाकर्मियों ने उठाई कई मांग

- आई एफ एस एम एन की संस्थापिका पुष्पा पांड्या के निर्देशन व आह्वाहन पर दिल्ली में एकजुट हुए देश के कई पत्रकार 

- नेशनल चीफ कोऑर्डिनेटर डॉक्टर पबित्रा मोहन सामंतराय के नेतृत्व में हुआ कुशल आयोजन

- मीडिया फायर ब्रांड लीडर शीबू खान के कुशल संचालन एवं वक्तव्य से लोगों ने दिखा जोश और जुनून

- अरुण गोयल, मंजू सुराणा, कमल झुनझुनवाला, याई के नारायणपूरकर आदि लोगों ने भी निभाई महती भूमिका 

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मीडिया कांफ्रेंस का दो दिवसीय आयोजन नई दिल्ली में संपन्न हुआ जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आये पत्रकारों ने अपनी उपस्तिथि दर्ज कराकर पत्रकार एकजुटता का सबूत दिया है। इस आयोजन में देश के विभिन्न मीडिया संगठनों ने एक साथ एक बैनर के नीचे आकर देश में पत्रकारों एवं पत्रकारिता जगत के साथ ही लघु एवं मध्यम समाचार पत्र / पत्रिका आदि को बचाने की आवाज उठाई है।
बताते चलें कि इंडियन फेडरेशन ऑफ़ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज़पेपर्स (आईएफएसएमएन) को मदर बॉडी मानते हुए नेशनल मीडिया कंफेडरेशन (एनएमसी), राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (आरपीएम), न्यूज़ मीडिया फेडरेशन (एनएमएफ), साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए), सामाजिक संस्था वी द प्यूपिल (डब्ल्यूटीपी) के साथ ही कई संगठनों की अम्ब्रेला बॉडी इण्डियन कन्फेडरेशन ऑफ़ मीडियाबॉडीज (आइकॉम) के संयुक्त तत्वाधान में सभी संस्थानों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर सभी उपरोक्त संगठनों की संस्थापिका वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा पांड्या के नेतृत्व में ऑल इंडिया मीडिया कॉन्फ्रेंस (एआईएमसी) का गठन कर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर पबित्रा मोहन सामंतराय को नेशनल चीफ कोऑर्डिनेटर, वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर कमल झुनझुनवाला एवं युवा पत्रकार शीबू खान को संचालन की जिम्मेदारी सौंपते हुए आईएफएसएमएन के चेयरमैन अरुण गोयल, कार्यवाहक अध्यक्ष मंजू सुराणा, कोषाध्यक्ष याई के नारायणपूरकर, संस्थापक सदस्य संजीवी, शिवप्रकाश, बालासाहब आम्बेकर सहित कई अन्य वरिष्ठ व कनिष्ठ लोग मौजूद रहे हैं।
कार्यक्रम के पहले दिन नई दिल्ली स्थित हौज ख़ास के जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि पंडितों द्वार वेदपाठ एवं मंत्रोच्चारण के साथ अतिथियों के कर कमलों से दीप प्रज्जवलित कर शुरू हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्र की स्थिति एवं मीडिया की भूमिका विषयक गोष्ठी को संबोधित करने की क्रम में सर्वप्रथम अतिथि के रूप में उपस्थित हुए पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री भक्त चरण दास ने मंच से देश के पत्रकारों की दशा पर चिंतन करते हुए वर्तमान की पत्रकारिता पर वक्तव्य दिया वहीं इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की रानाघाट लोकसभा सीट के सांसद जगन्नाथ सरकार, ओडिशा की बरगढ़ लोकसभा सीट के सांसद प्रदीप पुरोहित के साथ ही डॉक्टर गिरधारी मोहंती (पूर्व महानिदेशक, डीएवीपी (सीबीसी) एवं प्रेस रजिस्ट्रार जनरल, आरएनआई (पीआरजीआई)), अरुण जोशी (सेवानिवृत अपर निदेशक, जनसंपर्क विभाग, राजस्थान सरकार), मैथ्यू नेदुमपुरा (वरिष्ठ अधिवक्ता, बॉम्बे हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडियाा) तथा मुख्य वक्ता के रूप में विवेक शुक्ला (प्रख्यात लेखक, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार) ने अपनी बात भी रखी। कार्यक्रम का कुशल संचालन शीबू खान द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को उपहार देकर विदा किया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने वहीं भोजन भी किया।
इसी कड़ी में दूसरे दिन कार्यक्रम का आयोजन शास्त्री भवन के निकट प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित हुआ जहाँ मीडिया के समक्ष वर्तमान चुनौतियां एवं अवसर विषयक गोष्ठी पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के पूर्व सदस्य एवं प्रेस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष छायाकांत नायक के साथ ही अतिथि के रूप में दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक अशोक गुप्ता, सूचना विभाग के फिल्म डिवीजन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी वारियम मस्त के साथ ही मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डॉक्टर बी के साहू (विभागाध्यक्ष - अर्थशास्त्र, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड) ने तय विषय के साथ ही पत्रकारिता के अन्य मुद्दों पर भी व्याख्यान किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों से आये पत्रकारों ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी मीडिया लीडर्स का सम्मान भी किया गया तथा उपस्थित सभी पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र भी दिया।
समूचे कार्यक्रम में लगातार मीडिया पालिका को संवैधानिक रूप से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भारत के राजपत्र (गजट) पर घोषित किया जाए, देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए, मीडिया आयोग का गठन किया जाए, देश में तहसील स्तर या उससे भी निचले स्तर (ब्लॉक या पंचायत) स्तर पर पत्रकारों की पहचान करते हुए राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाया जाए , हर जनपद के साथ ही तहसील स्तर तक पत्रकार भवनों का निर्माण कराया जाए, पत्रकार संगठनों को भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज पर जिस तरीके से राजनैतिक दलों को चुनाव लडने के लिए 6 माह में वैध कर दिया जाता है तो पत्रकार संगठनों को नोटीफाइड करने में इतने सालों का नियम भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निरस्त कर चुनाव आयोग की नियमावली पर तय करें , पत्रकारों को मानदेय एवं पेंशन की व्यवस्था की जाए, पत्रकारों को दुर्घटना बीमा के साथ ही हेल्थ बीमा तथा जीवन बीमा की भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए, पत्रकारों को शासन की योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए, पत्रकारों के परिवार को अच्छी शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए, पत्रकारों पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं, किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मीडिया सम्मान निधि चलाई जाए, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को जिंदा रखने हेतु विज्ञापन नीति में बदलाव किया जाय, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को लेवी मुक्त करने के साथ ही कागज खरीदी पर जीएसटी खत्म करें, पत्रकारों को भूखंड आदि की व्यवस्था की जाए, हर पत्रकार संगठन को कार्यालय हेतु भूखण्ड उपलब्ध कराएं, डिजिटल मीडिया को बढ़ावा दें न कि उसको खत्म किया जाए, पत्रकारों को हर जगह पर वीडियो बनाने और ऑडियो रिकॉर्ड करने का अधिकार दें, मान्यता नीति आसान करें, पत्रकारिता एवं जनसंचार के पासआउट व्यक्तियों को मान्यता देने की प्रक्रिया बेहद आसान कराई जाए, पत्रकार मजदूर नहीं है इसलिए उसे लेबर कोर्ट से हटाया जाए, महिला पत्रकारों को एडवांस सेफ्टी दिया जाए जैसी मांगों को मंच से उठाया गया है।
कार्यक्रम के अंत में मंजू सुराणा एवं शीबू खान के नेतृत्व में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से लेकर शास्त्री भवन तक कैंडल/प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया जिसमें कोरोना काल से लेकर अब तक शहीद हुए पत्रकारों एवं जनमानस की क्षति को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसके बाद पत्रकार सुरक्षा, मीडिया पालिका एवं डिजिटल मीडिया जैसे कानून की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की गई है। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से आए पत्रकारों ने भी हिस्सा लिया।

सोमवार, 16 सितंबर 2024

ईद मिलाद उन नबी पर जुलूस-ए-मोहम्मदी में हुजूर की आमद मरहबा की सदाएं रहीं बुलंद

- इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर एवं अल्लाह के रसूल को पैदाइश पर निकले जुलूस


- पूर्व संध्या से जगह - जगह हुई रोशनी तथा हुए जलसे व तकरीर


- पुलिस सुरक्षा के साथ सकुशल संपन्न हुए जुलूस, लोगों ने प्रशासन को कहा शुक्रिया


फतेहपुर। सोमवार को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (स.) की पैदाइश का जश्न पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया है। ईद-मिलाद-उन- नबी पर शहर, कस्बों व गांवों में जगह-जगह से जुलूस निकाले गए। ‘सरकार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा...’ के नारों से पूरी फिजा गुलजार हो उठी। इससे पूर्व रविवार की रात मुस्लिम इलाकों में जगह - जगह जलसों का आयोजन हुआ। जलसे में उलेमाओं ने हजरत मोहम्मद साहब के उपदेशों एवं उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए लोगों को उनके बताए रास्ते पर चलने की नसीहत दी। दिन में निकाले गए जुलूस के दौरान सभी जगह स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। मुहम्मद साहब को याद करते हुए लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर बारावफात की बधाईयां भी दीं।



शहर से लेकर देहात तक हर्षाेल्लास के बीच इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर एवं अल्लाह के रसूल मुहम्मद साहब के जन्मदिन ईद-मिलाद-उन-नबी की चहुंओर धूम दिखाई दी, पूर्व की रात से ही रोशनी सजाकर इलाकों को गुलजार किया गया, वहीं सोमवार की सुबह से ही जगह -  जगह पर अलहदा दिशाओं से छोटे-बड़े जुलूस निकलना शुरू हो गए। पैगंबर-ए-इस्लाम की पैदाइश यानी ईद मिलादुन्नबी पर सोमवार को जनपद नबी के नारों से गूंज उठी। ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) पर फतेहपुर जनपद के विभिन्न इलाकों से जुलूसे-ए-मोहम्मदी में हजारों लोगों ने शिरकत की। मुबारकों की जोशीली सदा के साथ अलग-अलग टोले-मुहल्लों को गुंजाने लगे थे। सुबह-सुबह लकदक कुर्ता पायजामा पहने, सिर पर हरे रंग का साफा व पगड़ी बांधे बड़े बुजुर्ग और बच्चे हाथों में झंडियां लहराते हुए नबी के आने का पैगाम दे रहे थे तो लबों पर, सरकार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा जैसे रसूले पाक के नजरानों से शहर व गांवों की फिजा में नूरानी रंग भर गया। हर तरफ उमंगों का समंदर हिलोरे मारता दिखा। निकले जुलूस में नबी के आमद की खुशी साफ नजर आईं। बड़े, बुजुर्ग, नौजवान और बच्चे पूरी अकीदत से जुलूस में शामिल हुए। फिजा में इत्र और फूलों की खुश्बू के साथ नबी का जिक्र गूंज रहा था। हाथों में इस्लामी झंडा लिए बड़े, बुजुर्ग और बच्चे सभी नबी के आमद का पैगाम दे रहे थे। नाते पाक की धुन से पूरे इलाके में एक अलग ही नूरानी रंग छा गया था।

फिजा में इत्र और फूलों की खुश्बू के साथ नबी का जिक्र गूंज रहा था। सरकार की आमद मरहबा..., दिलदार की आमद मरहबा... जैसे नारों से फिजा पुरनूर थी। इसी क्रम में खागा तहसील क्षेत्र के सुल्तानपुर घोष गांव से निकला जुलूस में नबी की शान में नातिया कलाम पढ़ते हुए जुलूस अपने कदीमी रास्ते से निकाला गया। पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश की खुशगवारी में सराबोर लोग जूलूस में उत्साहित नजर आए। फज्र की नमाज अदा करने के बाद से ही मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में नए कपड़ों में सजे व तुर्की साफों में डटे बुढ़े, बच्चे, नौजवान हाथों में इस्लामी परचम लहराते जुलूसे मुहम्मदी के सफे (लाइन) लगाने लगे थें। 

गांव व शहर में इस नजारे को देखने के लिए सड़क पर बारावफात का जुलूस देखने के लिए उमड़े लोग तारीफ करते नजर आए हैं।

जुलूस के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। यही सिलसिला फतेहपुर शहर के साथ ही बिंदकी, खागा, जहानाबाद, बहुआ, हथगाम, खखरेड़ू, अफोई, मोहम्मदपुर गौंती, प्रेमनगर, शोहदमऊ, मंडवा, रामपुर, काजीपुर, बहेरा सादात, अल्लीपुर, टिकरी, मूसेपुर, लाडलेपुर, शाहपुर सहित अन्य गांवों व कस्बों में जारी रहा है। 

कोतवाली फतेहपुर के साथ ही कोतवाली बिंदकी एवं खागा के साथ ही थाना हथगाम एवं थाना सुल्तानपुर घोष पुलिस सक्रिय नजर आई और जुलूस को सकुशल संपन्न कराया। इतना ही नहीं उपस्थित लोगों ने पुलिस एवं प्रशासन का शुक्रिया अदा किया जिसके प्रति उत्तर में पुलिस ने ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद भी दी।


भारतीय सवर्ण संघ ने उठाई "सवर्ण आयोग" की मांग

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ मे सवर्ण आयोग के गठन की पुरजोर मांग को लेकर आज यहाँ भारतीय सवर्ण संघ ने एक बड़ी बैठक की। इस मौक़े पर भारतीय सवर्ण संघ की वेब साइट लांचिंग के साथ, सदस्य जागरूकता अभियान और संगठन विस्तार को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक मे सवर्ण आयोग के गठन, आर्थिक आधार पर जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक मे गॉव- गॉव जाकर सदस्यता अभियान चलाने को लेकर रूपरेखा बनाई गई।
बैठक मे भाजपा के युवा नेता आशीष तिवारी का जोरदार स्वागत सम्मान किया गया। आशीष तिवारी ने अपने सम्बोधन में सवर्ण आयोग के गठन की जोरदार मांग रखी। बैठक में संघ के राष्ट्रीय महासचिव राधे श्याम तिवारी उर्फ साधु तिवारी ने आर्थिक आधार पर जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा की।
बैठक का आयोजन संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार दुबे ने किया। इस मीटिंग के विशिष्ट अतिथि पूर्व आई जी, सवर्ण संघ के संरक्षक राजेश राय, पूर्व डी आई जी सवर्ण संघ के संरक्षक एस पी उपाधय, राष्ट्रीय संगठन प्रभारी बी जी एस राणा, प्रदेश संरक्षक बब्बन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ ए के दीक्षित, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यनारायण, प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, अवधेश सिंह आदि लोग शामिल रहे।

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

जयशंकर ने जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात

जिनेवा। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर स्विट्जरलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, जिस दौरान उन्होंने जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मुलाकात की। जयशंकर ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख से मिलने के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस से मिलकर बहुत खुशी हुई। पारंपरिक चिकित्सा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित डब्ल्यूएचओ में हमारे सहयोग पर चर्चा की।






एक अन्य पोस्ट में जयशंकर ने बताया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से मुलाकात की और वैश्विक मानवाधिकार हालात तथा चुनौतियों का बेहतर समाधान कैसे खोजा जाए, इस पर भारत के दृष्टिकोण को साझा किया।

विदेश मंत्री ने जिनेवा सेंटर फॉर इंडियाज सिक्योरिटी पॉलिसी में राजदूत जीन-डेविड लेविटे के साथ बातचीत की। इस दौरान लेविटे ने जयशंकर के साथ वार्ता करने के मौके को अपना सौभाग्य बताते हुए उनकी प्रशंसा में कहा आप दुनिया में स्टार हैं। इस पर भारतीय विदेश मंत्री ने हाथ जोड़कर राजदूत का आभार व्यक्त किया। लेविटे के साथ अपनी बातचीत के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी से संबंधित मुद्दे लगभग 75 प्रतिशत तक सुलझ गए हैं, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का है।

इसके अलावा जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन, संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक निखिल सेठ, जिनेवा सुरक्षा नीति केंद्र के निदेशक थॉमस ग्रेमिंगर से भी मुलाकात की। उन्होंने यहां भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत की। इससे पहले जयशंकर ने गुरुवार को यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करके स्विट्जरलैंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की थी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार अपनी यात्रा के अंतिम चरण में विदेश मंत्री अपने स्विस समकक्ष से भी मिलेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा की जा सके और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों का पता लगाया जा सके।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

 


यूएन विकास साझेदारी कोष में भारत का अहम योगदान

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने गुरुवार को यहां यूएन मुख्यालय में दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ विकास साझेदारी में भारत जो विकास योगदान कर रहा है, वो उसके सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ से प्रेरित है, जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।



न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से एक पोस्ट में लिखा यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस पर भारत का वक्तव्य दिया। भारत ने लगातार वैश्विक दक्षिण के लिए काम किया है। भारत वैश्विक विकास और अधिक न्यायसंगत तथा टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राजदूत हरीश ने कहा कि आपस में जुड़ी-गुंथी आज की दुनिया अनेकानेक ऐसी चुनौतियों से घिरी है, जो किन्हीं सीमाओं को नहीं जानतीं, ऐसे में देशों के बीच सहयोग किया जाना बहुत अहम है। हरीश ने बताया कि वर्ष 2017 से यूएन के साथ विकास साझेदारी कोष को भारत का लगभग 15 करोड़ डॉलर का योगदान पहले ही 60 देशों में 82 परियोजनाओं को वित्तीय समर्थन दे चुका है और यह विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारतीय राजदूत ने कहा आज के समय में मौजूद चुनौतियां विशाल और जटिल हैं, जबकि संसाधन सीमित हैं। इस संदर्भ में, भारत-यूएन विकास साझेदारी कोष और आईबीएसए कोष जैसे कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उम्मीद की मशाल और प्रेरणा के प्रतीक हैं। इनसे साबित होता है कि जब देश विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए एकजुट होकर, साझा नजरिए और संकल्प के साथ काम करते हैं तो बहुत खास प्रगति हासिल की जा सकती है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)


गुरुवार, 12 सितंबर 2024

कीर्तिवर्धन सिंह ने येरेवन डायलॉग फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व किया

येरेवन। आर्मेनिया की राजधानी में 9-11 सितंबर के बीच आयोजित येरेवन डायलॉग फोरम में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। संवाद में कई देशों के नेताओं, शिक्षाविदों और छात्रों सहित विभिन्न हितधारकों ने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।



सिंह ने ‘अनिश्चितता के युग में जलवायु सुरक्षा’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में भाग लिया और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जलवायु सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता और मिशन लाइफ तथा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सहित भारत द्वारा की गई नायाब पहलों पर बात की। 

विदेश राज्य मंत्री ने संवाद से इतर आर्मेनिया के उप प्रधानमंत्री एम. मेहर ग्रिगोरियन के साथ बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति हुई। इसके अलावा सिंह ने अर्मेनियाई विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान के साथ भी बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे को और बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रयास जारी रखने की तत्परता व्यक्त की। इस दौरान विभिन्न प्लेटफार्मों और प्रारूपों में साझेदारी की संभावनाओं के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

राज्य मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा येरेवन वार्ता के उद्घाटन के अवसर पर विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान के साथ एक सार्थक बैठक हुई। भारत-अर्मेनिया द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसमें व्यापार, आर्थिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान शामिल है। पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों और साधनों पर विचार साझा किए। साथ ही, आपसी हितों के क्षेत्रीय/वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा किए।

विदेश राज्य मंत्री ने अपनी इस यात्रा के दौरान आर्मेनिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों और छात्रों के साथ बातचीत की। इसके साथ ही सिंह ने येरेवन के ब्यूनस आयर्स पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)


बुधवार, 11 सितंबर 2024

भारत ने खाद्य संकट से जूझ रहे 4 देशों को भेजी राहत

नई दिल्ली। भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण खाद्य संकट से जूझ रहे चार देशों को मानवीय सहायता के तौर पर राहत सामग्री भेजी है। भारत ने मंगलवार को उष्णकटिबंधीय तूफानों से बुरी तरह प्रभावित अल साल्वाडोर के लोगों के लिए राहत सामग्री की दूसरी खेप भेजी। इससे पहले भारत ने अल नीनो घटना के कारण उत्पन्न भयंकर सूखे से जूझ रहे मलावी, जाम्बिया और जिम्बाब्वे को खाद्य सामग्री भेजी।



ग्वाटेमाला में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा जून 2024 में उष्णकटिबंधीय तूफानों से प्रभावित अल साल्वाडोर के लोगों के लिए भारत सरकार द्वारा भेजी गई एचएडीआर राहत सामग्री की दूसरी किस्त अल साल्वाडोर के बाहरी संबंध मंत्रालय को प्राप्त हो गई है। भारत अल साल्वाडोर सरकार को 50 टन राहत सामग्री दान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि इससे पहले भारत की ओर से अल साल्वाडोर को अगस्त के अंतिम सप्ताह में राहत सामग्री की पहली किस्त भेजी थी।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा भारत सरकार ने अल नीनो घटना के कारण उत्पन्न भयंकर सूखे के कारण पैदा हुए खाद्यान्न घाटे को दूर करने के लिए मलावी गणराज्य की सरकार और उसके लोगों, जाम्बिया गणराज्य की सरकार और उसके लोगों तथा जिम्बाब्वे गणराज्य की सरकार और उसके लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है।

खाद्यान्न की खेप न्हावा शेवा बंदरगाह से मलावी (1000 मीट्रिक टन चावल), जाम्बिया (निर्धारित 2500 मीट्रिक टन मक्का में से 1300 मीट्रिक टन मक्का की पहली खेप) और जिम्बाब्वे (1000 मीट्रिक टन चावल) के लिए भेजी गई है।

मंत्रालय ने कहा यह सहायता भारत के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत, साउथ-दक्षिण सहयोग की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेखांकित अफ्रीका के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत सभी मित्र देशों को उनकी जरूरत के समय सहायता प्रदान करने और हमारे दीर्घकालिक एवं घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए तैयार है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)


जर्मनी में भारत की प्रगति और विकास यात्रा का उल्लेख

बर्लिन। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां आयोजित जर्मन विदेश कार्यालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में वक्तव्य दिया, जहां उन्होंने पिछले एक दशक में हुई भारत की प्रगति और विकास यात्रा का उल्लेख किया। 

उन्होंने भारत में हो रहे बदलावों पर रोशनी डालते हुए कहा पिछले एक दशक में भारत काफी बड़े स्तर पर बदला है। आज यह करीब चार ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है। भारत का मानव संसाधन भी बदल रहा है। वैश्विक कारोबार में भारतीय प्रतिभाओं की प्रासंगिकता स्पष्ट दिख रही है।



जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में जर्मनी में हैं। वह ‘भारत-खाड़ी सहयोग परिषद मंत्रिस्तरीय बैठक’ में भाग लेने के बाद सऊदी अरब से दो दिवसीय दौरे के लिए यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्री ने मंगलवार को बर्लिन में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन द्वारा आयोजित विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति विशेषज्ञों से भी बातचीत की। वार्ता के बाद जयशंकर ने कहा बदलती वैश्विक व्यवस्था, सुरक्षा चुनौतियों और भारत तथा जर्मनी के बीच रणनीतिक समानता पर विचार विमर्श किया गया।

जयशंकर ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का समाधान जंग के मैदान पर नहीं निकलेगा और दोनों पक्षों को बातचीत करनी होगी। अगर वे सलाह चाहते हैं, तो भारत हमेशा मदद के लिए तैयार है।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा आज बर्लिन में विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक के साथ व्यापक चर्चा की। भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया, जिसमें व्यापार एवं निवेश, हरित एवं सतत विकास, कुशल श्रमिकों की गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और रक्षा एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। यूक्रेन, गाजा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। 7वें अंतर-सरकारी परामर्श के लिए भारत में उनका स्वागत करने के लिए तत्पर हूं।

विदेश मंत्री ने जर्मन संसद की विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन माइकल रोथ से भी मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)


मंगलवार, 10 सितंबर 2024

जयशंकर ने जीसीसी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ की अहम बैठक

रियाद (सऊदी अरब)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर सोमवार को यहां प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय नेतृत्व के अलावा जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें की।
जीसीसी बैठक से इतर जयशंकर ने सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सऊद और कतर के पीएम एवं विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का जायजा लिया और उन्हें और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की। इसके अलावा जयशंकर ने ओमान के अपने समकक्ष बद्र अलबुसैदी के साथ बैठक में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
इसके अलावा जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल ज़ायनी से मुलाकात की, जिस दौरान दोनों नेताओं के बीच संयुक्त आयोग की शीघ्र बैठक पर सहमति बनी। विदेश मंत्री ने ब्राजील के अपने समकक्ष मौरो विएरा के साथ जी20, ब्रिक्स और यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फिर मिलकर अच्छा लगा। कुवैत में हाल ही में हुई हमारी सार्थक बैठक को याद किया। हमारे संयुक्त आयोग की प्रारंभिक बैठक के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं। जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 89 लाख की संख्या में एक बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है। यह बैठक भारत-जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगी।
इससे पहले जयशंकर ने रविवार को रियाद में सऊदी राष्ट्रीय संग्रहालय और किंग अब्दुलअजीज फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड आर्काइव्स का दौरा किया।

(रिपोर्ट - शाश्वत तिवारी)

दिखाई देते हैं रौज़े हुसैन के घर घर यजीद तेरा तो एक टूटा मजार भी नहीं

प्रयागराज। दायरा शाह अजमल कच्ची हवेली में मरहूम कस्टम आफीसर सय्यद नूह रिज़वी के आवास पर करबला के शहीदों पर पांच सफ़र को एक मजलिस हुई जिसमें सोज खुवान जैगम अब्बास,अलमदार काजमी, और हैदर मेंहदी ने मर्सिया पढ़ते हुवे इमाम हुसैन को पुरसा पेश किया और अंजुमन गुनचए कासिमिया बख्शी बाज़ार प्रयागराज ने सीना जनी करते हुवे करबला के शहीदों को पुरसा पेश किया।
 
मौलाना अख़्तर हसन रिज़वी ने खिताब करते हुवे रसूल अल्लाह के नवासों पर रौशनी डालते हुवे बताया की करबला में जो जंग हुई वो हक और बातिल की जंग थी एक तरफ यजीद था जिसके साथ लाखों की फौज थी जो हराम कामों पर यजीद के साथ खड़ी थी और दूसरी तरफ रसूल अल्लाह का वो नवासा था जिसपर रसूल नाज़ करते थे इधर सिर्फ बहत्तर वफादार साथी थे जो हक़ के साथ थे यजीद अत्याचार करता रहा और हुसैन सब्र करते रहे इमाम हुसैन ने करबला की जंग में एक बड़ी कुर्बानी दे कर इस्लाम को बचा लिया आज इस्लाम जिंदा है तो ये इमाम हुसैन का बलिदान है हुसैन ने सब्र कर के दुनिया को बता दिया की देखो तुम्हारे ऊपर चाहे जितनी मुसीबतें आएं तुम कभी हक़ का दामन न छोड़ना यही वजह है करबला में यजीद लाखों की फौज रखता था हुकूमत करता था लेकिन आज चौदह सौ साल बाद भी यजीद पर दुनिया का हर इंसान लानत भेजता है और उसको बुरा कहता है यजीद की इससे बड़ी शिकस्त और क्या होगी की खुद यजीद के बेटे ने तख्त पर बैठने से ये कह कर इनकार कर दिया की मुझे ऐसा तख्त नहीं चाहिए जिस पर इमाम हुसैन के खून के निशान हों जिस तख्त के पाए खूने हुसैन में डूबे हों ऐसे तख्त पर लानत हो यजीद का बेटा खुद अपने ज़ालिम बाप पर लानत भेजता था आप को बताते चलें की शिया हजरात दो महीने आठ दिनों तक करबला के शहीदों का गम मनाते हैं ये मजलिस मोहर्रम के पांच सफर की अलविदाई मजलिस थी जो कदीमी मजलिस है सय्यद नूह रिज़वी की मृत्यु के बाद अब उनके पुत्र सय्यद मोहम्मद मेंहदी उर्फ़ फैजी करवाते हैं अब मात्र दो दिन मोहर्रम सफ़र के बचे हैं 12 सितंबर को करबला के शहीदों पर अल्वीदाई जुलूस के साथ मोहर्रम अगले वर्ष तक के लिए समाप्त होगा चौदह सौ साल पहले करबला में रसूल अल्लाह के नवासे ने जो कुरबानी पेश की है उसे दुनिया कभी नहीं भुला सकती दुनिया में इस्लाम को लाने वाले रसूल अल्लाह थे लेकिन इस्लाम को बचाने में इमाम हुसैन का बड़ा योगदान रहा है इस्लाम को बचाने के लिए हुसैन ने अपने जवान बेटे से ले कर छै महीने के बेटे को भी कुर्बान कर दिया है जवान बेटे अली अकबर को अपनी आंखों के सामने शहीद होता हुवा देखा है नन्हे से अली असगर ने अपने बाप के हाथों पर दम तोड़ दिया यजीद का अत्याचार यहीं पे समाप्त नहीं हुआ उसने इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनके बीमार बेटे आबिदे बीमार के साथ औरतों को भी बंधक बना कर कूफे की गलियों में नंगे सर घुमाया और हुसैन के बीमार बेटे को जंजीरों में कैद कर रखा था यजीद की इससे बड़ी शिकस्त क्या होगी जो हुसैन के बीमार बेटे से भी खौफ खाता था तभी तो उसने एक बीमार के पैरों में बेड़ियां डाल रखी थीं यजीद के सारे अत्याचार उस पर ही भारी पड़े और उसकी ऐसी पराजय हुई की आज उसकी कब्र का निशान तक नहीं है और हुसैन के सब्र ने हुसैन को इतना बुलंद किया की आज दुनिया के हर घर में हुसैन के रौजे हैं उनकी मजलिसें हैं और लब्बैक या हुसैन का नारा है।

यूएन शांति स्थापना में भारत सबसे बड़ा सैन्य योगदानकर्ताः पी. हरीश

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के नवनियुक्त स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को मजबूत करने पर आयोजित खुली बहस में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने यूएन शांति स्थापना में भारत के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हरीश ने अपने संबोधन में कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सबसे बड़ा संचयी (कम्युलेटिव) सैन्य योगदानकर्ता है और इसने 50 से अधिक मिशनों में 250,000 से अधिक सैनिकों का योगदान दिया है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से भारतीय राजदूत के हवाले से लिखा 182 भारतीय शांति सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के उद्देश्य को कायम रखते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को अनूठी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शांति सैनिकों की सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाया जाना चाहिए।
भारतीय राजदूत ने कहा सर्वोच्च बलिदान देने वाले 4000 से अधिक शांति सैनिकों के लिए एक स्मारक दीवार स्थापित करने की आवश्यकता है। सुरक्षा परिषद को आज की वास्तविकताओं का अधिक प्रतिनिधि होना चाहिए और परिषद में अफ्रीका का अधिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के नवनियुक्त स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया। हरीश पिछले हफ्ते ही न्यूयॉर्क पहुंचे थे और विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का पदभार संभाला था। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कई शीर्ष नेताओं तथा अपने वैश्विक समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की।
(रिपोर्ट.शाश्वत तिवारी)

रविवार, 8 सितंबर 2024

पत्रकारों को प्राथमिकता से मिले पीएम आवास - शीबू खान

- सीजेए के महासचिव शीबू खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख किया मांग

फतेहपुर। साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी योजनाओं में पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर लाभ देने के साथ ही वर्तमान में चल रहे प्रधानमंत्री आवास - ग्रामीण के सर्वे में पत्र पत्रकारों को आवास दिए जाने की सिफारिश की है।



बताते चलें कि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हुए लिखा है कि देश के विभिन्न ग्राम पंचायतों या अन्य निकायों में रहने वाले पत्रकारों में अधिकांश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में भारत सरकार की योजनाओं में पत्रकारों को नियम एवं पात्रता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का कष्ट करें। वर्तमान में सभी जनपदों में स्थित ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्लस के सर्वेक्षण का कार्य जारी है ऐसे में पंचायतों में निवास करने वाले पत्रकारों को उनकी पात्रता के अनुसार प्राथमिकता से आवास प्रदान करने का निर्देश सक्षम अधिकारी को देते हुए पत्रकारों का सम्मान बढ़ाने में अपना योगदान देवें। वहीं पत्रकार शीबू खान ने कहा कि पत्रकारों को अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि स्वस्थ्य लोकतंत्र में मीडिया और मीडिया कर्मियों की महती भूमिका है।


अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन 21 और 22 सितम्बर को दिल्ली में

- 9वीं ऑनलाइन मीटिंग में बनी रणनीति, देश के कई पत्रकार संगठन लेंगे हिस्सा

नई दिल्ली। सम्पूर्ण भारत देश के राजधानी सहित सभी राज्यों में लघु और मध्यम वर्ग के पत्रकारों के हित में उनके हक-अधिकार और सम्मान की लड़ाई लड़ने वाली बहुप्रतिष्ठित पत्रकार संगठन इण्डियन फेडरेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स (आईएफएसएमएन) की संस्थापक/अध्यक्ष पुष्पा पांड्या के अथक तथा अविस्मरणीय प्रयासों से एवं उनके कुशल मार्गदर्शन में आगामी 21 और 22 सितम्बर 2024 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पत्रकार संगठनों के साथ ही वरिष्ठ पत्रकारों की टीम सम्मिलित होनें की पुष्टि हो चुकी है।



8 सितंबर को आयोजित 9वीं ऑनलाइन गूगल मीट की अध्यक्षता पुष्पा पांडेया तथा संचालन शीबू खान द्वारा किया गया एवं डॉक्टर पबित्र मोहन सामंतराय द्वारा महती भूमिका निभाई गई। इस दौरान पुष्पा पांड्या के निर्देशन पर उपरोक्त सम्मेलन को सफल बनानें में ओडिशा के वरिष्ठ पत्रकार एवं विभिन्न गरिमामय पदों पर आसीन डाॅ. पबित्र मोहन सामंतराय एवं उत्तर प्रदेश के तेज-तर्रार वरिष्ठ पत्रकार शीबू खान भी अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका का लगातार निर्वहन कर रहें हैं, जिसके तहत विगत अगस्त माह के प्रथम सप्ताह से ही प्रत्येक रविवार को गूगल मीट प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन बैठक कर देश भर के वरिष्ठ और नामचीन पत्रकारों को संगठित करने का कार्य किया जा रहा है।

इसी कड़ी में आज 08 सितम्बर 2024 रविवार को दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक गूगल मीट प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बैठक आयोजित किया गया, जिसमें सम्पूर्ण भारत देश के विभिन्न राज्यों से पुष्पा पांडेया सहित डॉक्टर पवित्र मोहन सामंतराय, डॉक्टर कमल झुनझुनवाला, बी.एस. देशपांडे, आर.एस. पण्डा, जगदीश यादव, शीबू खान, संजय मिश्रा, जी.एल. शर्मा, नरेन्द्र बाबू, गीता सोन्चे, बबलू चक्रवर्ती, धीरज कुमार कुशवाहा, प्रतीक सिंह, मुशीर अहमद खान, अमित कुमार, सुशील शर्मा, सुभाष बंसल एवं बुबेश सी. आदि ने सम्मिलित होकर प्रस्तावित अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन को सफल बनाने पर कार्य-योजना बनाई।

गौरतलब है कि वर्तमान समय में भारत देश के राजधानी सहित सभी राज्यों में लघु और मध्यम वर्ग में संचालित पत्रकारिता जगत अनेक प्रकार के समस्याओं से जूझ रही है, जगह-जगह पर लघु और मध्यम वर्ग का पत्रकार शोषित और अपमानित हो रहा है, ऐसे समय में सम्पूर्ण भारत देश भर के अलग-अलग राज्यों से वरिष्ठ एवं प्रतिभावान पत्रकारों की टीम सहित पुष्पा पांड्या का यह कदम निश्चित ही भारतीय लघु और मध्यम वर्ग के पत्रकारिता जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।


संवाद से दूर होती हैं गलतफहमियां - शाश्वत तिवारी

एक दूसरे के बारे में बोलने के बजाय अगर हम एक दूसरे से बोलें तो बहुत सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी, यह वाक्य अपने आप में एक गहरी समझ रखता है। यह हमें बताता है कि अक्सर हम दूसरों के बारे में बातें करते हैं, उनकी अनुपस्थिति में उनकी आलोचना करते हैं, या उनके बारे में अपनी धारणाएं बना लेते हैं। लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि अगर हम सीधे उनसे बात करें तो शायद बहुत सी बातें स्पष्ट हो जाएँ?



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याद रखें, संवाद एक कला है। इसे सीखने और विकसित करने की जरूरत होती है। लेकिन अगर हम ईमानदारी और खुले दिल से एक-दूसरे के साथ बात करें तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे।

आइए, आज ही संवाद की शुरुआत करें।

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गलतफहमियां मानव संबंधों का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। अक्सर, छोटे-छोटे संवादहीनता के कारण बड़े विवाद जन्म ले लेते हैं। चाहे वह व्यक्तिगत संबंध हों, व्यावसायिक संबंध हों, या समाज के किसी भी स्तर पर संवादहीनता हो, जब हम एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं करते, तो गलतफहमियां उत्पन्न होती हैं। यह स्थिति केवल व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है। इस लेख में, हम समझने का प्रयास करेंगे कि संवाद कैसे गलतफहमियों को दूर करता है और एक मजबूत, विश्वासपूर्ण समाज के निर्माण में कैसे मदद करता है।

जब हम किसी के बारे में बात करते हैं, तो हम अपनी सोच और धारणाओं को ही प्रोजेक्ट करते हैं। हम उनके बारे में जो सोचते हैं, वही दूसरों को बताते हैं। लेकिन जब हम सीधे उनसे बात करते हैं, तो हम उनकी भावनाओं, विचारों और नजरिए को समझने का मौका पाते हैं। इस तरह हमारी गलतफहमियां दूर होती हैं और हमारे बीच एक बेहतर समझदारी का माहौल बनता है। 

गलतफहमी तब उत्पन्न होती है जब किसी स्थिति, व्यक्ति या घटना को सही तरीके से समझा नहीं जाता। यह अक्सर तब होता है जब जानकारी अधूरी होती है, या वह जिस तरह से प्रस्तुत की जाती है, उसमें स्पष्टता नहीं होती। इसके परिणामस्वरूप संदेह, क्रोध, या किसी स्थिति के प्रति गलत प्रतिक्रिया हो सकती है।

व्यक्तिगत संबंधों में गलतफहमियां टूटते रिश्तों का कारण बन सकती हैं। जब दो व्यक्ति एक-दूसरे के विचारों या भावनाओं को सही ढंग से नहीं समझ पाते, तो वे एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं। कार्यस्थल में, गलतफहमियों के कारण टीम में असहमति और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि देशों के बीच भी संवादहीनता युद्ध और संघर्ष का कारण बन सकती है।

यह बात हमारे व्यक्तिगत रिश्तों के साथ-साथ हमारे सामाजिक जीवन में भी लागू होती है। अगर हम अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों या किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ खुलकर बात करें तो हमारी आपसी दूरियां कम हो जाएंगी और हमारे रिश्ते मजबूत होंगे। 

संवाद गलतफहमियों को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है। जब हम एक-दूसरे से संवाद करते हैं, तो हम अपने विचार, भावनाएं और दृष्टिकोण स्पष्ट करते हैं। यह हमें दूसरे व्यक्ति की सोच और भावनाओं को समझने में मदद करता है, जिससे गलतफहमियां दूर होती हैं।

आज ही से हम अपने जीवन में संवाद को महत्व देना शुरू कर सकते हैं। हमें हर किसी के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उनकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से नहीं डरना चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे तो हम पाएंगे कि हमारे आसपास का माहौल कितना शांतिपूर्ण और सकारात्मक हो गया है।

संवाद का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह स्पष्टता प्रदान करता है। जब हम अपनी बात को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं, तो दूसरी पार्टी को यह समझने में आसानी होती है कि हम क्या कहना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी कार्यस्थल पर किसी कर्मचारी को कोई निर्देश समझ में नहीं आता, तो वह अपने वरिष्ठ से संवाद करके उसे स्पष्ट कर सकता है। इससे गलतफहमी दूर होती है और काम समय पर पूरा होता है।

संवाद न केवल गलतफहमियों को दूर करता है, बल्कि यह एक-दूसरे पर विश्वास को भी बढ़ाता है। जब लोग एक-दूसरे से खुलकर बात करते हैं, तो वे अपने विचार और भावनाओं को ईमानदारी से साझा करते हैं। यह ईमानदारी एक मजबूत विश्वास प्रणाली का निर्माण करती है, जो किसी भी रिश्ते की नींव होती है। व्यक्तिगत संबंधों में, जब दोनों पक्ष संवाद करते हैं, तो वे एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझते हैं और उनके बीच के भावनात्मक बंधन को और भी मजबूत बनाते हैं।

संवाद के माध्यम से हम न केवल अपनी बात रखते हैं, बल्कि दूसरे व्यक्ति की स्थिति और भावनाओं को भी समझने का प्रयास करते हैं। यह हमें संवेदनशील बनाता है और हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति विकसित करने में मदद करता है। जब हम किसी की बात ध्यान से सुनते हैं और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करते हैं, तो हम उस स्थिति में उनके दृष्टिकोण को भी देख सकते हैं। इससे गलतफहमी कम होती है और एक स्वस्थ संबंध का विकास होता है।

संवाद के माध्यम से हम विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। जब दो लोग या समूह अपने विचार साझा करते हैं, तो वे एक-दूसरे के दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। यह आदान-प्रदान किसी भी समस्या के समाधान में सहायक होता है। विचारों के माध्यम से, हम न केवल समस्याओं का समाधान करते हैं, बल्कि नए विचार और समाधान भी विकसित करते हैं।

संवाद के माध्यम से हम नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं और सकारात्मक माहौल का निर्माण कर सकते हैं। जब लोग खुलकर अपनी समस्याओं, चिंताओं और विचारों को साझा करते हैं, तो वे समाधान खोजने में सक्षम होते हैं। इससे न केवल समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि एक सकारात्मक और उत्पादक माहौल भी बनता है।

भाषा की भिन्नता अक्सर संवाद में बाधा बन सकती है। जब दो लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, तो उनकी बातचीत में स्पष्टता की कमी हो सकती है। हालांकि, आजकल भाषा के अंतर को कम करने के लिए कई तकनीकी उपकरण उपलब्ध हैं, जो इस बाधा को पार करने में मदद कर सकते हैं।

कई बार हमारी भावनाएं हमारे संवाद में बाधा बन सकती हैं। जब हम क्रोधित, उदास या निराश होते हैं, तो हम सही तरीके से संवाद नहीं कर पाते। इस स्थिति में, यह जरूरी होता है कि हम पहले अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें और फिर संवाद करें।

कई बार हम संवाद से पहले ही किसी व्यक्ति या स्थिति के बारे में पूर्वाग्रह बना लेते हैं। यह पूर्वाग्रह हमारे संवाद को प्रभावित करता है और हम सही तरीके से संवाद नहीं कर पाते। ऐसे में, यह जरूरी होता है कि हम अपने पूर्वाग्रहों को छोड़कर निष्पक्ष रूप से संवाद करें।

सही संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुनना है। जब हम दूसरों की बात ध्यान से सुनते हैं, तो हम उनकी भावनाओं और विचारों को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। अक्सर लोग केवल अपनी बात रखने पर ध्यान देते हैं और दूसरे की बात सुनने में असमर्थ होते हैं। इस आदत को बदलने से संवाद बेहतर होता है और गलतफहमियों की संभावना कम होती है।

संवाद को स्पष्ट और सटीक रखना बहुत जरूरी है। अस्पष्ट या अधूरी जानकारी से गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। यदि हम अपनी बात को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं और सामने वाले से भी यही उम्मीद करते हैं, तो संवाद में बहुत हद तक सुधार हो सकता है।

यदि किसी विषय पर असहमति है, तो आलोचना को सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से व्यक्त करना चाहिए। नकारात्मक आलोचना से गलतफहमियां बढ़ सकती हैं, जबकि सकारात्मक आलोचना से समाधान की दिशा में बातचीत बढ़ती है।

समस्याओं या गलतफहमियों को बढ़ने देने की बजाय, समय पर संवाद करना महत्वपूर्ण होता है। यदि हम समस्याओं को समय पर हल नहीं करते, तो वे और बढ़ सकती हैं। इसलिए, जब भी कोई स्थिति उत्पन्न हो, तब तुरंत संवाद करके समस्या का समाधान करना चाहिए।

गलतफहमियां जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन संवाद के माध्यम से उन्हें दूर किया जा सकता है। संवाद हमारे रिश्तों को मजबूत बनाता है, विश्वास को बढ़ाता है, और एक सकारात्मक माहौल का निर्माण करता है। चाहे वह व्यक्तिगत संबंध हों, व्यावसायिक संबंध हों या सामाजिक स्तर पर बातचीत हो, संवाद हमेशा समाधान का मार्ग प्रदान करता है। इसलिए, संवाद को बढ़ावा देना और खुलकर अपनी बात रखना एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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