- अखिलेश यादव ने परिजनों को दिया मदद, सरकार से उठाई कई मांग
- एसआईआर के बढ़ते मामलों पर उग्र दिखे सपा सुप्रीमो, कहा संसद में उठाएंगे मुद्दा
फतेहपुर। बिंदकी तहसील के खजुहा कस्बे में लेखपाल सुधीर कुमार कोरी की बीते दिनों संदिग्ध मौत ने जिले में बड़ा तूफ़ान खड़ा कर दिया है। मामला अब प्रदेश की राजनीति तक पहुँच गया है। शुक्रवार शाम करीब 7:15 बजे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद सुधीर के घर पहुँचे और परिजनों से मुलाकात की।
इस दौरान घर में मातम पसरा था। सुधीर की बहन रो-रोकर बेहोश होने लगीं, मां सदमे में थीं। माहौल बेहद भावुक हो गया। अखिलेश यादव ने परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि यह मौत नहीं, सिस्टम की बेरहमी है। चाहे दोषी एसडीएम हो या कोई भी बड़ा अधिकारी हो किसी को छोड़ूंगा नहीं। इस दौरान परिजनों ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से बताया कि सुधीर पर एसआईआर के काम को लेकर लगातार दबाव डाला जा रहा था। छुट्टी तक नहीं मिली। अधिकारी घर आकर कार्रवाई की धमकी देकर गए थे। यह सुनकर अखिलेश यादव ने गुस्से में कहा कि जब अफसरों का डर एक नौजवान की जान ले ले तो सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं बचता। उन्होंने परिवार को भरोसा दिया कि सपा पूरी मजबूती से आपके और आपके परिवार के साथ खड़ी है और न्याय की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जाएगी।
इस दौरान अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को संवेदना देते हुए दो लाख रुपए की चेक सौंपते हुए आर्थिक मदद की तथा सरकार से एक करोड़ रुपए मुआवजा तथ एक सरकारी नौकरी की मांग करते हुए निर्वाचन आयोग को आड़े हाथों लेते हुए उग्र अंदाज में लोकसभा में एसआईआर मुद्दे पर सरकारी मुलाजिमों पर दबाव एवं उस दबाव से हो रही आत्महत्याओं को संसद सत्र में गंभीरता से मुद्दा उठाने की बात कही है। फतेहपुर जनपद में यह मामला लगातार गरमाता जा रहा है और अब पूरा जिला न्याय की मांग को लेकर खड़ा दिख रहा है। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर किया है। एक जिंदगी के टूटने से पूरा परिवार बिखर जाता है। सिस्टम को इससे सीख लेनी चाहिए।
एसआईआर प्रक्रिया पर सपा सुप्रीमो अखिलेश का बड़ा हमला
मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया को सीधा कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसआईआर के कारण कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। आगे गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी दबाव डाल रहे हैं, डांट-फटकार और धमकियों से कर्मचारी जान देने को मजबूर हो रहे हैं। तथा कहा कि सरकार ने जानबूझकर एसआईआर की समय सीमा कम रखी है, ताकि कर्मचारियों पर लगातार दबाव बना रहे। अखिलेश ने यह भी मांग की है कि एसआईआर की समय सीमा तुरंत बढ़ाई जाए और ऐसी सभी मौतों की न्यायिक जांच कराई जाए।