- मनौरी में करबला की शहादत पर मनाया गया यौमे गम,
शब्बर साहब की सरपरस्ती में हुआ जुलूस
- साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने किया शिरकत
- भारी तादाद में अकीदतमंद हुए शामिल, नौहा पढ़ने दूर-दूर से आईं अंजुमनें
प्रयागराज। इमाम हुसैन और उनके साथ करबला के मैदान में शहादत देने वाले 72 शहीदों की याद में सारी रात शब्बेदारी हुई और रात भर या हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। इस दौरान हज़ारों की भीड़ करबला के शहीदों पर मातम करती रही। इस मौके पर कोलकाता से आए मौलाना शब्बीर अली वारसी ने तकरीर करते हुवे बताया कि ये वो हुसैन हैं जो मोहम्मद साहब के नवासे हैं, अली के बेटे हैं जिनको कूफे से बारह हज़ार खत भेज कर करबला बुलाया गया और लिखा गया कि आप हमारी मदद के लिए आइए क्योंकि दीन खतरे में है लेकिन कूफे के लोगों ने यजीद के खौफ से हुसैन का साथ छोड़ दिया। हुसैन मदद के लिए बुलाते रहे लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया फिर भी हुसैन यजीद के हराम कामों का डट कर मुकाबला करते रहे।
इमाम हुसैन की उम्र 57 वर्ष थी और उनके हाथों से कत्ल होने वाले यजीदी सिपाहियों की संख्या 1950 तक बताई जाती है।इमाम हुसैन की मदद की वजह से शहीद होने वाले कूफियों की संख्या एक सौ अड़तीस थी जिसमें से पंद्रह गुलाम भी शामिल थे।इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनके बदन पर भाले के 33 घाव और तलवार के 34 घाव थे। तीरों की संख्या अनगिनत बताई गई है। शहादत तक इमाम हुसैन के बदन पर कुल उन्नीस सौ तक घाव थे। करबला की जंग में इमाम हुसैन हक़ पर थे इसलिए आज चौदह सौ साल बाद भी दुनिया के लोग हुसैन का गम मनाते हैं और यजीद पर लानत भेजते हैं। यजीद के अत्याचारों का बयान हो रहा है और हुसैन जिंदाबाद के नारे देश विदेश में गूंज रहे हैं।
इस मौके पर जिला सुल्तानपुर, रायबरेली, फतेहपुर, कौशांबी (मंझनपुर एवं करारी), बनारस आदि जनपदों से आई अंजुमनों ने करबला की शान में कलाम पेश करते हुवे इमाम हुसैन को पुरसा पेश किया। जिला कौशांबी बड़ा गांव से उस्मान अली नोहाखान ने बेहतरीन कलाम पेश किया। इस मौके पर हिंदुस्तान के मशहूर शायर जफर अड़हेरवी भी मौजूद रहें साथ ही फतेहपुर की अंजुमन अब्बासिया के साहिबे बयाज इतरत अली ने बेहतरीन कलाम पेश किए। इस कार्यक्रम में साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने भी शिरकत करते हुए कार्यक्रम में किरदार निभाने वालों का खूब हौसला अफजाई किया। इस दौरान थाना मनौरी का पुलिस बल भी मौजूद रहा, जुलूस के आयोजक शब्बर अली ने आए हुवे मेहमानों का आभार व्यक्ति किया।