शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

भारत ने जाम्बिया को भेजे चिकित्सा उपकरण

नई दिल्ली: भारत ने अफ्रीकी देश जाम्बिया को उसके स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं, जिनमें अस्पताल के बिस्तरों सहित ऑपरेशन थियेटर का सामान शामिल है। भारत सरकार के इस कदम ने एक बार फिर ग्लोबल साउथ (गरीब एवं विकासशील देश) के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को जाहिर किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा भारत-जाम्बिया साझेदारी को मजबूती! एकजुटता के संकेत के रूप में, भारत जाम्बिया सरकार को चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति कर रहा है। अस्पताल के बिस्तर, ऑपरेशन थियेटर टेबल, शिशु इनक्यूबेटर एवं रिससिटेयर, एनेस्थीसिया मशीन और अन्य उत्पादों से युक्त यह खेप आज मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह से रवाना हुई। यह जाम्बिया की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने में योगदान देगा।
उन्नत चिकित्सा उपकरण प्रदान करके भारत का लक्ष्य जाम्बिया के हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करते हुए इसकी चिकित्सा सेवा वितरण में सुधार करना है। इसके साथ ही जरूरतमंद देश को भेजी गई चिकित्सा आपूर्ति से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम जाम्बिया के साथ ही समूचे अफ्रीकी महाद्वीप और ग्लोबल साउथ के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो एकजुटता और आपसी समर्थन के साझा मूल्यों को दर्शाता है।
बता दें कि भारत ने कई मौकों पर ग्लोबल साउथ के देशों को मुख्यधारा में लाने और हर बड़े वैश्विक फैसलों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की वकालत की है। भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान ग्लोबल साउथ के देशों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन सप्लाई की थी। इसके अलावा भारत ने पिछले साल अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान समूह में अफ्रीकन यूनियन की भागीदारी सुनिश्चित की। यही नहीं, भारत अल्पविकसित एवं जरूरतमंद देशों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।
(रिपोर्ट - शाश्वत तिवारी)

सोमवार, 18 नवंबर 2024

भारतीय प्रेस दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी, मंच से सम्मानित हुए कलमकार

- जनपद रत्न मरणोपरांत, पत्रकार रत्न, समाज सुधारक, शिक्षक, डॉक्टर एवं अन्य किए गए सम्मानित

फतेहपुर। पत्रकार एवं सामाजिक हितों पर काम करने वाली संगठन साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के बैनर तले भारतीय प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकार विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमें देश के जाने - माने बहुचर्चित व दिग्गज पत्रकारों ने शिरकत करते हुए पत्रकार एवं पत्रकारिता जगत के संरक्षण तथा संवर्धन की बातों पर जोर देते हुए निर्धारित विषय राष्ट्र में मीडिया की भूमिका एवं डिजिटल मीडिया के अवसर पर खूब चर्चा हुई और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की सिफारिशें हुई हैं।
बताते चलें कि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में देश के नामचीन पत्रकार मनोज मिश्रा के साथ ही विशिष्ठ अतिथियों में प्रख्यात पत्रकार नवलकांत सिंहा, दैनिक भास्कर के संपादक हेमंत तोमर, प्रेस कोर काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि चक्र के साथ ही युवा चर्चित समाजसेवी आशीष तिवारी के साथ ही जनपद फतेहपुर के साथ अन्य जनपदों के पत्रकारों ने भी इस शिरकत किया। कार्यक्रम का आयोजन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने किया जबकि कुशल संचालन के लिए मीडिया फायर ब्रांड लीडर एवं संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने जिम्मेदारी संभाली। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्रकार बिरादरी के हर एक साथी ने पत्रकारों की दशा और स्थिति पर चिंतन करते हुए एकजुटता के साथ पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बात उठाई, साथ ही मीडिया को संवैधानिक दर्जा देते हुए चौथा स्तंभ घोषित किए जाने एवं मीडिया आयोग गठन जैसे मुद्दे उठाए गए।
कार्यक्रम ने संगठन द्वारा जनपद के विकास में सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को मंच से सम्मानित किया गया। सम्मान के क्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बासुदेव दीक्षित, राजनीतिज्ञ स्वर्गीय जागेश्वर प्रसाद, कुशल पत्रकार एवं राजनीतिज्ञ खान गुफरान जाहिदी, पत्रकार स्वर्गीय दुर्गा शंकर जायसवाल एवं राजनीतिज्ञ स्वर्गीय मुन्ना लाल मौर्य को जनपद रत्न (मरणोपरांत) का सम्मान दिया गया है। इसी कड़ी में शिक्षक रत्न का सम्मान कई अवार्ड से सम्मानित शिक्षिका आसिया फारूकी एवं आनंद मिश्रा को सम्मानित किया गया है। वहीं पर्यावरण को बचाने के क्रम में पेड़ बचाओ पर काम करने वाले थाना सुल्तानपुर घोष में तैनात थानाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार त्रिपाठी को पर्यावरण प्रेमी रत्न से सम्मानित किया गया है। समाज सुधारक रत्न सम्मान से जनपद में समाजसेवियों की श्रेणी में काम करने वाले एंबुलेंसमैन के नाम से प्रख्यात अशोक तपस्वी के साथ ही मोहम्मद आफताब, सुनील पटेल सहित अन्य को सम्मानित किया गया है। ग्राम प्रहरी के सम्मान स्वरूप रावेन्द्र सिंह (ग्राम प्रधान), अभय प्रताप सिंह (प्रधान), मोहम्मद उमर (पंचायत प्रतिनिधि/समाजसेवी) एवं नदीमुद्दीन (प्रधान) को सम्मानित किया गया है। महिला सशक्तिकरण का सम्मान सुशीला मौर्या, किरन अग्निहोत्री एवं संध्या विश्वकर्मा को प्रदान किया गया। गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकार रत्न का सम्मान जनपद के पत्रकारों को प्रदान किया जिसमें राम नारायण विश्वकर्मा, सरोज पाण्डेय, नफीस अहमद राईन, अजय त्रिपाठी, रईसउद्दीन, संजय पटेल (राष्ट्रीय महासचिव - प्रेस कोर काउंसिल), शमशाद खान (जिलाध्यक्ष - प्रेस क्लब ऑफ यूपी), प्रभाकर पाण्डेय (जिलाध्यक्ष - लखनऊ जर्नलिस्ट एसोसिएशन), शकील सिद्दीकी, बछराज मौर्या, मनोज कुमार, इरफान काज़मी, इसरार अहमद मुमताज, शारिब कमर अज़मी, अखिलेश कुमार, पारुल सिंह, सुमन सिंह सहित कई अन्य को चयनित किया गया। इसी कड़ी में साहित्यकार के रूप में शिक्षक, लेखक, कवि, शायर शिवशरण बंधु को सम्मानित किया गया है। वहीं जीवन रक्षक का सम्मान डॉक्टर जे पी चौहान को दिया गया। व्यापार मण्डल के व्यापारी नेता शिवचंद्र शुक्ला के साथ ही प्रेमनगर व्यापार मण्डल के अध्यक्ष मुना गौतम, यूसुफ सहित अन्य को उद्यमी रत्न का सम्मान दिया गया। इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों से कुछ लोगों को भी सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख अतिथि मनोज मिश्रा ने मीडिया की कठिनाइयों का व्याख्यान करते हुए सहयोग दिए जाने की बात कही है, इसी कड़ी में दैनिक भास्कर के संपादक हेमंत तोमर ने नेशनल प्रेस डे पर विस्तार से वर्तमान की स्थिति पर संबोधन किया। वहीं नवलकांत सिंहा ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया के सभी स्वरूपों पर चर्चा करते हुए शुरू से लेकर आज तक की मीडिया के क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला साथ ही चक्रपाणि चक्र ने स्वस्थ्य लोकतंत्र में मीडिया को बचाने की बात कही उन्होंने कहा कि मीडिया बचेगी तो लोकतंत्र बचेगा और इसी से देश बचेगा। वहीं वक्ता के रूप में समाजसेवी आशीष तिवारी ने भी वर्तमान की पत्रकारिता में चुनौतियों एवं अवसर की बात कही है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी ने संगठन के उद्देश्यों के साथ ही जमीनी पत्रकारिता को मजबूत बनाने की बात बताते हुए उपस्थित पत्रकारों में जोश भरा है। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ने संगठन के बैनर तले मीडिया को संवैधानिक दर्जा देने, मीडिया आयोग का गठन करने, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, मीडियाकर्मियों का ग्राम पंचायत स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक का पत्रकार रजिस्टर बनाए जाने, पत्रकारों को वेतनमान एवं पेंशन देने, मीडिया सम्मान निधि लागू करने, पत्रकारों को उनके परिवार सहित शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था करने, तहसील स्तर तक पत्रकार भवनों को बनाने, मान्यता नीति सरल करने जैसे कई अहम मुद्दों की मांग उठाई एवं कार्यक्रम आयोजक एवं प्रदेशाध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने भविष्य में और बड़ा कार्यक्रम करते हुए जनपद के महाविभूतियों का सम्मान करने की बात कही है। वहीं संगठन के जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह, प्रवक्ता प्रदीप कुमार एवं अन्य पदाधिकारियों ने आए सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
इस दौरान संगठन की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका, कोषाध्यक्ष शिवकुमार मौर्या, फतेहपुर जिला इकाई से जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह यादव, उपाध्यक्ष कर्म मोहम्मद एवं सोनू वर्मा, मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता प्रदीप कुमार, सचिव रवि सिंह चौहान एवं धीर सिंह यादव, खागा तहसील इकाई के अध्यक्ष अभिमन्यु मौर्या, महासचिव ओमनारायण विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष महेश चौधरी, कोषाध्यक्ष ताज आब्दी, सचिव नाजिया परवीन एवं कार्यकारिणी सदस्य कन्हैया पटेल, बिंदकी तहसील इकाई से अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह एवं सचिव राहुल कुमार, ऐरायां ब्लॉक इकाई से अध्यक्ष मोहम्मद अब्बास, महासचिव मेराज अहमद, उपाध्यक्ष अभिषेक गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य नयन सिंह यादव सहित संगठन के कई अन्य सदस्य साथ ही प्रयागराज जिला इकाई से कोषाध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव, सचिव सतीश अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य रिजवान एवं अन्य एवं कौशांबी जिला इकाई से उपाध्यक्ष मोहम्मद अमजद सिद्दीकी, मुकेश गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित रहे हैं।

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

भारत की सहायता से श्रीलंका के अस्पताल में निर्मित सर्जिकल यूनिट का उद्घाटन

कोलंबो। श्रीलंका में बट्टिकलोआ टीचिंग हॉस्पिटल में भारतीय अनुदान सहायता के तहत निर्मित सर्जिकल यूनिट का सोमवार को उद्घाटन किया गया। श्रीलंका के पूर्वी प्रांत के प्रमुख सरकारी अस्पताल में निर्मित इस सर्जिकल यूनिट का लाभ लाखों लोगों तक पहुंचेगा।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव डॉ. पालीथा गुणरत्न महिपाल ने 4 नवंबर को बट्टिकलोआ टीचिंग अस्पताल में नवनिर्मित सर्जिकल यूनिट का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। वार्डों में भर्ती मरीजों और बढ़ती सर्जरी आवश्यकताओं के कारण 2015 के आसपास अस्पताल में एक नए सर्जिकल वार्ड की जरूरत महसूस की गई थी।
बयान में कहा गया श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने नई सर्जिकल यूनिट के निर्माण के लिए सहायता देने पर सहमति व्यक्त की। परियोजना के लिए भारत से 275 मिलियन श्रीलंकाई रुपये की अनुदान सहायता के लिए फरवरी 2016 में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद भारत सरकार ने अतिरिक्त धनराशि प्रदान की, जिससे परियोजना के लिए भारत की कुल प्रतिबद्धता 302 मिलियन रुपये हो गई।
उच्चायोग ने बताया कि इस परियोजना के दायरे में 1464 वर्ग मीटर के अनुमानित कुल फ्लोर एरिया के साथ दो मंजिला इमारत का निर्माण शामिल है, जिसमें चार अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और 10 आईसीयू बेड भी हैं। इसमें आईटी वर्क और मैकेनिकल वर्क के साथ ही विद्युत, जलापूर्ति और जल निकासी प्रणाली जैसे आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल हैं।
हालांकि देश में कोविड19 महामारी और आर्थिक कठिनाइयों ने परियोजना के दौरान कुछ चुनौतियां पेश कीं, मगर भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर दृढ़ता से बना रहा और भारत ने अस्पताल के अधिकारियों के अनुरोध पर इस प्रोजेक्ट में कई अतिरिक्त कार्यों को भी मंजूरी दी और उन्हें क्रियान्वित किया। उद्घाटन समारोह में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव डॉ. महिपाल ने इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार और भारतीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
(रिपोर्ट - शाश्वत तिवारी)

शनिवार, 2 नवंबर 2024

सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने 5 भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिलने पर मनाया जश्न

रियाद। सऊदी अरब के रियाद में स्थित भारतीय दूतावास ने सभी 11 शास्त्रीय भाषाओं के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम सप्ताह भर चलने वाले प्रवासी परिचय-2024 का हिस्सा था और इसमें 500 से अधिक भारतीय प्रवासी सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान भारतीय दूतावास ने भारत सरकार की ओर से मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली 
को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का जश्न मनाया।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अपने एक वीडियो संदेश में शास्त्रीय भाषाओं के महत्व को बढ़ाने के लिए मिशन के प्रयासों का उल्लेख किया। इस कार्यक्रम में 90 मिनट का एक नाटक शामिल था, जिसमें सभी 11 शास्त्रीय भाषाओं - असमिया, बंगाली, मराठी, पाली, प्राकृत, संस्कृत, तेलुगु, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और बंगाली से जुड़े कई ऐतिहासिक किस्सों और पहलुओं को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान प्रतिभागियों की ओर से पेश कविता, संवाद, गीत-संगीत और नृत्य आदि की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संयोजन रियाद में रहने वाली एक निपुण संस्कृत विद्वान सुमना नाइक ने किया। मिशन ने अन्य विद्वानों और शास्त्रीय भाषाओं के मूल वक्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस अनूठे कार्यक्रम में सहयोग किया और विभिन्न भाषाओं के बीच कई समानताओं पर प्रकाश डाला।
दूतावास ने भारतीय स्कूल के एक शिक्षक की भी सराहना की, जिन्होंने पाली और प्राकृत में कविता पाठ किया। प्रवासी भारतीयों के बीच इस अनूठे कार्यक्रम की काफी सराहना हुई, जिसमें दिखाया गया कि 'शास्त्रीय' भाषाएं हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक के रूप में काम करती हैं। 
पिछले साल, दूतावास ने प्रवासी परिचय के पहले संस्करण के हिस्से के रूप में शास्त्रीय भाषा 'संस्कृत' में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2023 के अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में किया था। इसके अलावा, दूतावास हर सर्दियों में 'एम्बेसडर्स चॉइस' नामक एक वार्षिक फिल्म महोत्सव का आयोजन करता है। इस साल भारत की एक शास्त्रीय भाषा में एक फिल्म भी दिखाई जाएगी।
(रिपोर्ट - शाश्वत तिवारी)

भारत ने यूएन में बताया मध्य पूर्व में शांति का तरीका

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने गुरुवार को मध्य पूर्व की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान भारत ने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने का तरीका बताया। 
भारत ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में उसकी तरफ से फिलिस्तीन के जरूरतमंद लोगों की मदद जारी रहेगी और भारत और भी राहत सामग्री भेजेगा। इसके साथ ही इजरायल पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत की ओर से कहा गया कि दोनों देशों को साथ मिलकर बात करनी चाहिए और शांति स्थापित करने के लिए समाधान निकालना चाहिए।
भारत ने किसी एक देश का समर्थन करने के बजाय दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की बात कही। भारत के स्थायी मिशन के एक बयान के अनुसार भारतीय राजदूत हरीश ने कहा भारत फिलिस्तीनी लोगों के लिए और अधिक मदद करने के लिए तैयार है। हमारे विकास सहायता का पैमाना वर्तमान में 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को दिए गए 37 मिलियन डॉलर की मदद भी शामिल है।
उन्होंने कहा हमने इस वर्ष 22 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को 6 टन दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप भी भेजी है। 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकवादी हमले हमारी स्पष्ट निंदा के पात्र हैं। मैं सभी बंधकों की तत्काल रिहाई और युद्ध विराम के लिए भारत के आह्वान को दोहराता हूं। हम टू-स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन करते हैं, जिसमें पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना शामिल है।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व के अपने दृष्टिकोण में अपने अटूट विश्वास को रेखांकित करता है। भारत के रूप में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास एक विश्वसनीय भागीदार है, जो एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व बनाने और दीर्घकालिक शांति और स्थिरता स्थापित करने की दिशा में सभी संबंधित हितधारकों के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तैयार है।
(रिपोर्ट - शाश्वत तिवारी)

शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

पत्रकार दिलीप सैनी की शहादत ने फिर से पत्रकारों को चेताया..

अब तो राजनीति के मंच पर या यूं कहें कि सत्ता के नुमाइंदों द्वारा भी खुले मंचों पर कहा जाने लगा है कि बंटोगे तो कटोगे जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि हर व्यक्ति को एकता के साथ रहना चाहिए और यह बात पत्रकारिता जगत में अपना सर्वस्व देने वाले पत्रकारों पर भी लागू होता है। खुले मंचों से सरकार के नुमाइंदों द्वारा कहा जाने वाला शब्द बंटोगे तो कटोगे भले ही किसी और उद्देश्य से कहा जाता रहा लेकिन यह बात बिल्कुल सही है कि इस नारे ने फिर से एकजुट होने की नसीहत दी है। 

फतेहपुर में बीते दिन वरिष्ठ पत्रकार एवं ANI के जिला संवाददाता दिलीप सैनी जी की निर्मम हत्या और हत्या के उपरांत आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ तौर से चीख - चीख कर बता रही है कि सच दिखाने वाले पत्रकारों से भ्रष्टाचार से जुड़े व्यक्ति किस तरीके से नफरत रखते हैं, पत्रकार दिलीप सैनी की हत्या साफ दर्शाती है कि पत्रकारों के प्रति दलालों, सिंडिकेट माफियाओं एवं हर वह व्यक्ति जो भ्रष्टाचार की वजह बना हुआ है आखिरकार किस तरीके से सच दिखाने वाले कलमकारों यानी पत्रकारों से नफरत रखते हैं? अब भी समय है कि हम सब आपसी मनमुटाव भूलकर एवं भेदभाव खत्म कर एकजुट होने का फैसला करते हुए एक साथ आ जाएं क्योंकि इस दौर में अवैध रूप से पैसा कमाने वाले माफिया, दलाल एवं भ्रष्टाचारी कभी भी नहीं चाहता कि कोई हमारा सच दिखाए और यदि किसी ने सच दिखाने की हिम्मत दिखाई तो ऐसे निर्लज्ज, पापी एवं कुकर्मी लोग सच दिखाने वाले पत्रकार को ही मार कर उनकी हत्या करने के लिए भी तैयार हैं। याद रखिए सच दिखाने वालों से हमेशा ही ऐसे लोग जलन रखते रहे हैं, ऐसे माफिया, दलाल एवं सिंडिकेट भ्रष्टाचारी लोग कभी भी पत्रकारों के हितैषी ना तो रहे हैं और ना ही रहेंगे। जरूरत है हमें और आपको समझने की, बुझने की और मिलकर ऐसे सिंडिकेट का मुंह तोड़ जवाब देने की... शुरुआत यहीं से समझिए कि शासन - प्रशासन का कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी विभाग या संस्थान में रहा हो वह हमेशा ही सच दिखाने वाले कलमकारों का दुश्मन रहा है। दिलीप सैनी की हुई हत्या में भी एक लेखपाल का हाथ होना भी बहुत कुछ दर्शाता है। बात साफ है कि सरकारी अमला पत्रकार हितैषी रहा ही नहीं है इसकी वजह साफ है कि हर दौर में हर विभाग ने किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार एवं माफियाओं की मिलीभगत से लूट की है और उस लूट की सच को जिस किसी ने भी दिखाने की हिमायत की है या तो वह मारा गया है या फिर झूठे मुकदमों में फंसाया गया है, यह काम अब रुकना चाहिए क्योंकि इससे माफियाओं के हौसले बुलंद होते हैं और पत्रकारिता जगत में अपना सर्वस्व देने वाले पत्रकारों का अपने परिवार को देखते हुए जज्बा और जुनून भी कम होता नजर आ रहा है। आखिरकार विपक्ष के ही सही कुछ नुमाइंदों ने अब यह बात भी मानना शुरू कर ली है कि पत्रकार असुरक्षित है जिसकी सुरक्षा के प्रति कोई भी सरकार गंभीर नहीं है क्योंकि यदि सरकार गंभीर होती तो पत्रकारों के लिए देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू कर दी होती, क्योंकि बात सच है कि पत्रकारों ने हमेशा ही सही की खोज की है वह बात और है कि पत्रकारिता जैसे पाक और साफ पेशे में कुछ ऐसे लोग भी आ चुके हैं जो खबर को दबाने और छुपाने के लिए या उसको रोकने के लिए उसके एवज में किसी न किसी तरीके का सौदा भी कर लेते हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बेहद ही कम है और हकीकत से रूबरू कराने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है तो जिसमें तादात ज्यादा उसकी होगी बात ज्यादा। आज समाज में ग्राम पंचायत की हकीकत बताने वाले पत्रकार को ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान एवं उससे कहीं ज्यादा पंचायत सचिव ही सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है फिर चाहे वह डील करने की बात करता है, बात न बनने पर हाथ पैर तोड़ देने या फिर जान से मार देने की तैयारी करता है यदि इसमें भी असफल हुआ तो फर्जी मुकदमे यानी झूठे मुकदमे में फसाने का षड्यंत्र रचता है। यही क्रम आज के दौर में सिर्फ पंचायती राज ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार से संचालित होने वाले सभी विभागों की यही हकीकत है। तो आइए इस लड़ाई को मिलकर लड़ते हैं, एकजुट होकर एक मंच पर खड़े होते हैं, वरिष्ठ - कनिष्ठ जूनियर - सीनियर और छोटा - बड़ा इन बातों से दूर जाकर कलमकार और सच के प्रति आईना दिखाने वाले पत्रकार एक साथ हो जाएं और बंटोगे तो कटोगे जैसे नारों पर विचार एवं मंथन कर एकजुटता दिखाना पड़ेगा क्योंकि अब भी नहीं जागे तो अगला नंबर हम में से ही किसी और पत्रकार का होगा जिसे अपनी जान तक गंवानी पड़ सकती है।
जय हिंद, जय भारत, जय पत्रकार समाज...
आइए एक साथ आकर देश में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग करते हुए पत्रकार साथी को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाते हैं और अपनी लेखनी का भरपूर प्रयोग करते हुए शासन - सत्ता को अपनी मांगों को मांगने पर विवश करते है क्योंकि हमारी कलमाें में वो ताकत और कूवत है जो किसी अन्य हथियार में नहीं है...

आपका
शीबू खान 
राष्ट्रीय महासचिव 
साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (CJA)

फतेहपुर में बढ़ा सियासी बवाल: दिवंगत लेखपाल सुधीर के घर पहुँचे अखिलेश यादव, बोले—“दोषियों को बचने नहीं दूंगा”

- अखिलेश यादव ने परिजनों को दिया मदद, सरकार से उठाई कई मांग - एसआईआर के बढ़ते मामलों पर उग्र दिखे सपा सुप्रीमो, कहा संसद में उठाएंगे मुद्दा ...