पुलिस बोली- आयोजकों व सेवादारों ने ऐसे बिगाड़े हालात
80 हजार की भीड़ जुटने की बात कही लेकिन इकट्ठा की डेढ़ लाख।
पंडाल में जितने लोग थे, उससे ज्यादा बाहर बैठा दिए गए थे।
पानी का भी पर्याप्त इंतजाम इनके द्वारा नहीं किया गया।
भीड़ के बीच से बाबा के काफिले को गुजारा गया था।
पुलिस वालों को वीडियोग्राफी तक नहीं करने दी गई।
भीड़ को बाबा के काफिले से दूर करने के लिए धक्का-मुक्की की गई।
कई सेवादारों ने लोगों पर लाठियां तक भांजी थीं।
भगदड़ में गिरीं महिलाओं की सुध तक किसी ने नहीं ली।
मदद करने की बजाय सभी मौके से हो गए थे फरार।
आयोजकों द्वारा भगदड़ की सूचना भी प्रशासन को नहीं दी गई।

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