रविवार, 10 अगस्त 2025

मोबाइल ऐप ‘डिवविन’ से फतेहपुर में खुलेआम सट्टा, युवा पीढ़ी बर्बादी की राह पर

शीबू खान 

- शहर का एक यूट्यूबर खुलेआम कर रहा इसका प्रचार
- खुलेआम इस सट्टे पर शासन-प्रशासन बना धृतराष्ट्र

फतेहपुर। जिले में डिवविन नामक मोबाइल ऐप ने युवाओं का चैन-सुकून छीन लिया है। चमकीले ऑफ़र और रातों-रात अमीर बनने के सपनों का लालच देकर यह ऐप खुलेआम सट्टेबाजी का खेल चला रहा है। रोज़ दर्जनों युवा अपनी मेहनत की कमाई इसमें झोंक रहे हैं और खाली हाथ लौट रहे हैं। बड़ी बात ये है कि अपने आप को बड़ा यूट्यूबर बताने वाला एक शख्स इस ऐप का खुला प्रचार करके लोगों को पैसा कमाने की बात करके लोगों को माइंड वाश करते हुए इस ऐप का लत लगाने की बात करता है जो खुलेआम सोशल मीडिया पर दिखाई देता है। बावजूद इस सबके प्रशासन मौन है। 
इस प्रकरण में नगर के एक 23 वर्षीय युवक (नाम गुप्त) ने बताया कि शुरुआत में मैंने सिर्फ 100 रुपये लगाए थे और 500 रुपये जीत गया। लगा किस्मत चमक गई, लेकिन धीरे-धीरे मैं हजारों रुपये हार गया। अब दोस्तों से उधार लेना पड़ रहा है। घरवालों को पता चले तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगा। वहीं एक पुरुष पिता ने रोते हुए कहा कि बेटा पढ़ाई छोड़कर दिन-रात मोबाइल में घुसा रहता है। घर का माहौल बिगड़ गया है। हम गरीब लोग हैं, कर्ज कहां से चुकाएं?

ऐसे चलता है खेल
सूत्रों के मुताबिक, डिवविन ऐप कथित तौर पर विदेशी सर्वर पर संचालित है। इसमें यूपीआई, पेटीएम और अन्य डिजिटल माध्यमों से पैसे डाले जाते हैं। शुरुआत में जीत दिलाकर यूजर को फंसाया जाता है, फिर लगातार हार का सिलसिला शुरू होता है।

शासन-प्रशासन की चुप्पी
खुलेआम ऐसे खेल चल रहे हैं जो खुलेआम जुआ को प्रदर्शित करता है, पुलिस और साइबर सेल ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। मानो वे धृतराष्ट्र की तरह आंखें मूंदकर बैठे हों, जबकि रोज़ युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। डिवविन जैसे ऐप को तत्काल बैन किया जाए, इसके संचालकों व प्रचारकों पर बीएनएस की धाराओं में एफआईआर दर्ज हो, और युवाओं को इस जाल से निकालने के लिए बड़े पैमाने पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।

क्या है कानूनी पहलू (BNS 2023 के तहत धाराएं)
धारा 318(2) – किसी भी प्रकार का अनधिकृत जुआ/सट्टेबाजी का आयोजन, प्रचार-प्रसार या भाग लेना अपराध।धारा 111(2) – ऑनलाइन माध्यम से धोखाधड़ी और छल द्वारा आर्थिक लाभ उठाना अपराध।धारा 61 – साइबर धोखाधड़ी व फर्जी डिजिटल लेन-देन पर सजा।धारा 317(3) – खेल या प्रतियोगिता में बाजी लगाकर धन का लेन-देन करना अपराध।

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