- जनपद एवं गैर जनपद की अंजुमनों ने पढ़ा नौहा और किया मातम
फतेहपुर। करबला की शहादत पर फतेहपुर कजियाना शिया जामा मस्जिद में रात भर शब्बेदारी हुई जहां गैर जनपदों सहित कई अंजुमनों ने करबला की शान में नौहे पढ़े और सारी रात मातम करते हुवे लब्बैक या हुसैन के नारे लगाते रहे। हज़ारों की भीड़ ने ताबूत की ज़ियारत की। इस मौके पर फतेहपुर शिया इमामे जुमा मौलाना सय्यद दानिश नक़वी ने मजलिस को खिताब करते हुवे रसूल अल्लाह के नवासों पर रौशनी डाली और बताया कि इमाम हुसैन ने अपने घराने की एक बड़ी कुर्बानी देकर इस्लाम को बचाया है, आज इस्लाम जिंदा है तो ये हुसैन का बलिदान है। आज इस्लाम पर इमाम हुसैन का एहसान है जिनकी बदौलत मोहम्मद साहब का दीन बाकी है। यज़ीद के हर अत्याचार का बदला हुसैन ने सब्र से दिया और दुनिया को एक संदेश दे गए कि मुसीबतों पर सब्र करना सीखो, सब्र का दामन कभी न छोड़ो।
आपको बताते चलें की फतेहपुर की ये बड़ी शब्बेदारी होती है जो अपने 43वें दौर में कदम रख चुकी है। 43 वर्षों से लगातार इसी स्थान पर ये शब्बेदारी होती है, जहां हर साल हजारों की संख्या में हुसैनी अज़ादार सारी रात इमाम हुसैन के ग़म में शामिल हो कर मोहम्मद साहब के नवासों को याद करते हैं और उनको पुरसा देते हैं। सारी रात शब्बेदारी के बाद सुबह फज्र की नमाज के बाद क़तीब अहले बैत मौलाना सय्यद अली रज़ा अस्तर चंदन पट्टी बिहार की निक़ाबत में अट्ठारह अबू तालिब के शबी ए ताबूत की ज़ियारत कराई गई। इस मौके पर फतेहपुर की अंजुमन अब्बासिया के साहिबे बयाज़ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उत्तर प्रदेश के प्रदेश मीडिया प्रभारी फ़ैज़ान रिज़वी ने करबला वालों की शान में कलाम पेश किए। फतेहपुर की अंजुमन सक्काए हरम से नौहा ख़्वान एडवोकेट ज़ैन फतेहपुरी ने बेहतरीन कलाम पेश किए। जिला कौशांबी से कोराली की अंजुमन, जमाल नगर उन्नाव की अंजुमन उस्मानपुर जलालपुर आदि अंजुमनों ने नौहा पढ़कर इमाम हुसैन को पुरसा पेश किया।
इस मौके पर साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार शहंशाह आब्दी अपने साथियों सहित जुलूस समापन तक मौजूद रहे। कोतवाली पुलिस रनिंग गश्त पर घूमती रही। अंजुमन अब्बासिया फतेहपुर की ओर से आए हुवे हुसैनी अज़ादारों एवं तमाम अंजुमनों का शुक्रिया अदा किया और अगले साल तक के लिए अपने इमाम हुसैन को पुरसा देते हुवे रुखसत किया।
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