गुरुवार, 11 सितंबर 2025

विशेष साक्षात्कार: वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद जफर से संपादक शीबू खान से वार्तालाप "वोट चोर गद्दी छोड़" नारे के साथ कांग्रेस उतरेगी जनता के बीच

- भाजपा और चुनाव आयोग पर कांग्रेस नेता का सीधा आरोप

- “जनता से हुआ विश्वासघात, नतीजों पर पड़ा असर”

- गांव-गांव गूंज रहा है – “वोट चोर गद्दी छोड़” जिससे चल चुकी है बदलाव की लहर 

देश की मौजूदा राजनीति में “वोट चोर गद्दी छोड़” का नारा एक आंदोलन का रूप ले चुका है। देश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने इस नारे को जनता की आवाज़ बताते हुए भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला है। उनका आरोप है कि भाजपा ने सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया से समझौता किया और चुनाव आयोग ने निष्पक्षता की जगह सत्ता के दबाव में काम किया। अब इस नारे को समूचा विपक्ष मजबूती से उठाने लगा है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता अब बदलाव चाहती है। वह कहते हैं कि यह नारा सिर्फ़ एक राजनीतिक जुमला नहीं बल्कि जनता के गुस्से और विश्वासघात की अभिव्यक्ति है। फिलहाल, इसी वर्ष के आखिर में बिहार राज्य के विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ ही राजद नेता तेजस्वी यादव भी आक्रामक होते दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों से बिहार में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा की गूंज समूचे देश में सुनाई देती आ रही है।
राहुल गांधी के दिए नारे "वोट चोर गद्दी छोड़" के साथ ही वर्तमान के हालात एवं कांग्रेस की अगली रणनीति पर चर्चा के लिए संपादक शीबू खान द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (विचार विभाग) के प्रदेश महासचिव मोहम्मद जफर से हुई बातचीत के कुछ अंश - 


शीबू खान: “वोट चोर गद्दी छोड़” नारे का क्या मतलब है और यह इतना ज़ोर क्यों पकड़ रहा है?

मो० जफर: यह नारा जनता की पीड़ा और गुस्से की आवाज़ है। भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए हर तरह की चालें चलीं— झूठे वादे, झूठे आंकड़े और चुनावी संस्थाओं पर दबाव तक दिया। जनता देख रही है कि वोट के नाम पर उनके साथ छल हुआ है। इतना सब देखने के बाद अब जनता भी कह रही है “वोट चोर गद्दी छोड़”, तो यह सीधे उस अन्याय के खिलाफ है जो लोकतंत्र के साथ हुआ।

शीबू खान: आप या आपकी पार्टी या यूं कहें कि आपके नेता राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की। इस पर आपका क्या कहना है?

मो० जफर: हम या हमारी पार्टी या हमारे नेता राहुल गांधी जो कह रहे हैं वो शत प्रतिशत सही है। क्योंकि चुनाव आयोग लोकतंत्र का प्रहरी है, लेकिन आज वह निष्पक्ष भूमिका निभाने में असफल साबित हुआ है। कई जगह पर धांधली के आरोप लगे, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही और सरकार के दबाव में फैसले लिए गए। जब संस्थाएँ सत्ता की कठपुतली बन जाती हैं, तो जनता का भरोसा टूटता है। यही वजह है कि जनता का गुस्सा नारों में बदल रहा है।

शीबू खान: क्या कांग्रेस को लगता है कि चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत से चुनाव परिणाम प्रभावित हुए हैं?

मो० जफर: बिल्कुल हुए हैं। जब सत्ता पक्ष नियमों को तोड़कर चुनाव लड़ता है और आयोग आंख मूंद लेता है, तो यह साफ़ है कि लोकतंत्र खतरे में है। हमने कई उदाहरण दिए, जैसे मीडिया कवरेज का असमान बंटवारा, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी। ये सब एक ही दिशा की ओर इशारा करते हैं वो है मिलीभगत।

शीबू खान: इस स्थिति में कांग्रेस की अगली रणनीति क्या होगी?

मो० जफर: हमारी रणनीति साफ है। हम जनता तक सच पहुंचाएँगे। सच्चाई को दबाया जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता। “वोट चोर गद्दी छोड़” सिर्फ़ एक नारा नहीं है, यह जनता की क्रांति है। हम इस आवाज़ को गांव-गांव तक ले जाएंगे और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।

शीबू खान: आप कह रहे हैं कि जनता आपके साथ आयेगी, लेकिन क्यूं और कैसे?

मो० जफर: बिल्कुल जनता कांग्रेस पार्टी के साथ आयेगी क्योंकि जब हमारी सरकारें रहीं, तब मनरेगा, किसान ऋण माफी, शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं से लोगों को राहत मिली थी। हम उद्योगों को प्रोत्साहन देकर नौजवानों को रोजगार देंगे और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाएंगे। देश का हर वर्ग हमसे जुड़ेगा क्योंकि कांग्रेस ने करके दिखाया है। हमने कभी भी धर्म, जाति एवं नफरत की राजनीति नहीं की है। हमारे नेताओं ने देश के लिए कुर्बानियां तक दी हैं। यही सब वजह और विश्वास है कि जनता अब कांग्रेस और उसकी नीतियों के साथ है और आगामी चुनावी परिणामों में इसका असर साफ देखने को मिलेगा।

शीबू खान: जनता को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

मो० जफर: मैं जनता से कहना चाहता हूँ कि यह देश आपका है, लोकतंत्र आपका है। जब आपकी आवाज़ दबाई जाती है, तो लड़ना आपकी ज़िम्मेदारी है। भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से जनता का विश्वास तोड़ा गया है। लेकिन सच की जीत होगी। गद्दी पर बैठने वालों को जनता आखिरकार जवाब देगी। देश का नागरिक अब जान चुका है और जाग भी चुका है।

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