गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

विशेष साक्षात्कार: महाप्रभु जगन्नाथ का मंदिर फतेहपुर की नई पहचान बनेगा — संतोष तिवारी

- फतेहपुर में गूंजेगा जय जगन्नाथ का उद्घोष, 2 नवम्बर को होगा ऐतिहासिक भूमिपूजन

- समाजसेवी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष तिवारी के प्रयासों से शुरू हो रहा मंदिर निर्माण

- फतेहपुर की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊँचाई देगा यह मंदिर

फतेहपुर की आस्था और संस्कृति का एक नया अध्याय 2 नवम्बर 2025 को लिखने जा रहा है। शहर के रामगंज पक्का तालाब परिसर में श्री जगन्नाथ भगवान के भव्य मंदिर के भूमिपूजन का शुभ अवसर आने वाला है। इस मंदिर को लेकर न केवल जनपद बल्कि प्रदेशभर में उत्साह का माहौल है। इस पावन आयोजन के सूत्रधार, समाजसेवी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष तिवारी हैं, जिनका वर्षों पुराना सपना अब साकार होने जा रहा है। महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा और भक्तों के सहयोग से
फतेहपुर अब जगन्नाथ धाम की परंपरा से जुड़ने जा रहा है। श्री जगन्नाथ भगवान मंदिर के भूमिपूजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि फतेहपुर की सांस्कृतिक पहचान को भी नई दिशा देने वाला साबित होगा। इस आयोजन के संयोजक, समाजसेवी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष तिवारी से संपादक शीबू खान से हुई विशेष बातचीत के प्रमुख अंश - 

प्रश्न : श्री तिवारी जी, फतेहपुर में जगन्नाथ भगवान का मंदिर निर्माण कराने की प्रेरणा आपको कहाँ से मिली?

उत्तर : मुझे हमेशा लगता था कि फतेहपुर जैसी ऐतिहासिक और धार्मिक भूमि पर जगन्नाथ भगवान का मंदिर अवश्य होना चाहिए। वर्षों से मेरे मन में यह संकल्प था कि यहाँ भी एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र बने जो समाज को एकता, सेवा और संस्कार का संदेश दे। महाप्रभु की कृपा और जनता के आशीर्वाद से अब यह सपना साकार होने जा रहा है।

प्रश्न: इस मंदिर निर्माण की क्या विशेषताएँ होंगी?

उत्तर: यह मंदिर ओडिशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ धाम पुरी की स्थापत्य शैली पर आधारित होगा। इसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं विराजमान होंगी। निर्माण में स्थानीय कारीगरों के साथ पारंपरिक पत्थर कला का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि यह केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक व सामाजिक केंद्र बने।

प्रश्न: 2 नवम्बर को होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम की रूपरेखा क्या है?

उत्तर: भूमिपूजन रविवार को प्रातः 10 बजे रामगंज पक्का तालाब परिसर में होगा। इसमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज (चित्रकूट पीठाधीश्वर) मुख्य अतिथि होंगे, वहीं देतापति श्री भगवान दास जी महाराज (पुरी, ओडिशा) विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारेंगे। देशभर के कई संत-महंत, धर्माचार्य, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। वैदिक मंत्रोच्चार, हवन, पूजन और आशीर्वचन के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा।

प्रश्न: फतेहपुर के लोगों से इस आयोजन को लेकर क्या अपील करना चाहेंगे?

उत्तर: मैं फतेहपुर के सभी श्रद्धालुओं, नागरिकों और युवाओं से निवेदन करता हूँ कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस ऐतिहासिक अवसर पर पहुँचें। यह केवल मेरा या किसी संस्था का नहीं, बल्कि पूरे फतेहपुर का आयोजन है। जब हम सब एक साथ “जय जगन्नाथ” का उद्घोष करेंगे, तो यह हमारी आस्था और एकता का अद्भुत उदाहरण बनेगा।

प्रश्न: इस मंदिर निर्माण के बाद आपकी आगे की क्या योजनाएँ हैं?

उत्तर: हम चाहते हैं कि मंदिर परिसर में एक ‘सेवा केंद्र’ और ‘धार्मिक अध्ययन केंद्र’ भी स्थापित किया जाए, जहाँ युवाओं को भारतीय संस्कृति, वेद, गीता और संस्कृत शिक्षा से जोड़ा जा सके। साथ ही हर वर्ष रथयात्रा महोत्सव का आयोजन भी हमारी योजना में शामिल है।

प्रश्न: अंत में भक्तों और समाज के लिए आपका संदेश?

उत्तर: महाप्रभु जगन्नाथ सबके हैं। वे प्रेम, करुणा और सेवा के प्रतीक हैं। मैं सभी से निवेदन करता हूँ कि वे इस पवित्र कार्य में अपनी सहभागिता निभाएँ, चाहे वह श्रमदान हो, भक्ति हो या सहयोग — हर रूप में यह मंदिर समाज की शक्ति का प्रतीक बनेगा। जय जगन्नाथ!

बुधवार, 15 अक्टूबर 2025

सीजेए की मासिक बैठक सम्पन्न, पत्रकार एवं पत्रकारिता पर हुआ चिंतन

सीजेए की मासिक बैठक सम्पन्न, पत्रकार एवं पत्रकारिता पर हुआ चिंतन
 साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) की मासिक बैठक का आयोजन प्रयागराज में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देश और प्रदेश स्तर के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन का विस्तार, पत्रकारों की समस्याओं पर संवाद और आने वाले अभियानों की रणनीति तय करना रहा।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान, प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी, उत्तराखंड राज्य सह प्रभारी पारुल सिंह, प्रयागराज मंडल सलाहकार समिति के चेयरमैन इसरार अहमद और फतेहपुर जिला महासचिव सैय्यद शारिब क़मर अज़मी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज जिलाध्यक्ष जाबिर अली ने की, जबकि संचालन का दायित्व जिला महासचिव अभिषेक गुप्ता और जिला कोषाध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से निभाया। बैठक के दौरान संगठन की मजबूती और सदस्यता विस्तार पर विशेष बल दिया गया। बैठक में प्रयागराज जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजुल शर्मा ने उपस्थित पत्रकारों को पत्रकारिता के बदलते स्वरूप, डिजिटल मीडिया की भूमिका और जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि आज के युग में पत्रकारों को न केवल खबरें प्रस्तुत करनी हैं, बल्कि सत्य, संतुलन और संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन भी करना है। राजुल शर्मा ने पत्रकारों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के दौर में भी पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखें और खबरों को तथ्यों के साथ प्रस्तुत करें ताकि समाज में विश्वास कायम रहे।
इस दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने कहा कि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन का उद्देश्य न सिर्फ पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाना भी है। उन्होंने बताया कि आगामी माह में प्रदेशभर में पत्रकारों के लिए डिजिटल सेफ्टी और मीडिया लॉ पर विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। वहीं संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने कहा कि एसोसिएशन का लक्ष्य मीडिया को लोकतंत्र का सशक्त चौथा स्तंभ बनाना है। उन्होंने बताया कि संगठन “मीडिया को संवैधानिक रूप से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ घोषित करो” अभियान को जन-जन तक पहुंचाने में लगा है। उन्होंने संगठन के उद्देश्यों से भी उपस्थित पत्रकारों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संगठन की संस्थापिका पुष्पा पांड्या, संरक्षक पीयूष त्रिपाठी, सलाहकार मंजू सुराणा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी के निर्देशन पर जल्द ही देश में मीडिया को संवैधानिक रूप से गजट पत्र के माध्यम से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ घोषित कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा जिसकी अगुवाई राजुल शर्मा द्वारा की जाएगी एवं देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना, पत्रकार रजिस्टर का बनवाया जाना, पत्रकार सम्मान निधि के साथ पत्रकारों को बीमा, पेंशन, शिक्षा व स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था के साथ अन्य आवश्यक चीजों की मांग भी सरकार से की जाएगी जिसमें निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर पर बैठे जिम्मेदार जनप्रतिधियों का समर्थन लिया जाएगा।
वहीं कार्यक्रम के अंत में नए पदाधिकारियों को पहचान पत्र (आई कार्ड) वितरित किए गए। इस दौरान सभी सदस्यों ने एकजुट होकर संगठन की मजबूती और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर संघर्ष का संकल्प लिया। बैठक में बड़ी संख्या में पत्रकारों ने भाग लिया और अपने सुझाव रखे। सभी ने यह मत व्यक्त किया कि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन जैसे संगठन पत्रकारिता की गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।



Exclusive Interview: सुरक्षित दीपावली ही खुशहाल दीपावली है - जसवीर सिंह, सीएफओ

दीपावली पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फतेहपुर सीएफओ से विशेष बातचीत

- बिना अनुमति के कोई भी पटाखा दुकान नहीं लग सकेगी
- सभी दुकानों को रखना होगा फायर सेफ्टी उपकरण
- नागरिकों से अपील — लाइसेंसधारी दुकानों से ही खरीदें पटाखे


फतेहपुर। दीपावली नजदीक है — ऐसे में पूरे जनपद में पटाखा दुकानों की अनुमति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन हाल ही में हुए विभिन्न पटाखा विस्फोट की दर्दनाक घटनाओं ने जिले को झकझोर कर रख दिया था। सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन तैयारियों को लेकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) फतेहपुर, जसवीर सिंह से संपादक शीबू खान ने खास बातचीत की। प्रस्तुत है सीएफओ जसवीर सिंह और संपादक शीबू खान के बीच हुई बातचीत के कुछ अंश - 

सवाल: दीपावली पर पटाखों की दुकानों को लेकर प्रशासन की क्या तैयारी है?

जवाब: दीपावली पर्व पर स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की पटाखा दुकानों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। कोई भी व्यापारी बिना अनुमति के पटाखा दुकान नहीं लगा सकेगा। सभी दुकानदारों को फायर सेफ्टी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा — जैसे अग्निशामक यंत्र, बालू की बाल्टी, पानी की टंकी और उचित दूरी के नियम।

सवाल: हाल ही में हुए पटाखा विस्फोट जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाब: हमने जिले के सभी थानों, फायर स्टेशनों और तहसीलों को अलर्ट पर रखा है। पटाखा गोदामों और दुकानों की सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। जो लोग बिना लाइसेंस पटाखा स्टॉक करते या बेचते पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सवाल: क्या जनपद के निजी संस्थान, अस्पताल, कोचिंग या स्कूलों के पास फायर एनओसी है?

जवाब: अभी भी कई संस्थान ऐसे हैं जिनकी फायर एनओसी लंबित या नवीनीकरण के इंतजार में है। हमने संबंधित विभागों को पत्र जारी किए हैं और सभी संस्थानों को अनुपालन का निर्देश दिया गया है। जन सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। जिन संस्थानों के पास एनओसी नहीं होगी, उनके विरुद्ध कार्रवाई तय है।

सवाल: क्या जनता को भी किसी तरह की सतर्कता बरतनी चाहिए?

जवाब: बिल्कुल। हम आम नागरिकों से अपील करते हैं कि दीपावली पर सिर्फ लाइसेंसधारी दुकानों से ही पटाखे खरीदें, बच्चों को पटाखा जलाते समय अकेला न छोड़ें और छतों या बिजली के तारों के पास पटाखे न फोड़ें। सुरक्षा में लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है। जनता से अपील है कि अधिकृत विक्रेता से ही पटाखा क्रय करें यदि कोई ऐसी जानकारी मिलती है तो विभाग को सूचित करते हुए समाज को सुरक्षित करने में सहयोग करें और किसी भी आकस्मिक सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर 112/101 नंबर का प्रयोग करें।

सवाल: क्या फायर विभाग के पास पर्याप्त संसाधन और टीमें हैं?

जवाब: हां, फिलहाल जिले में सभी फायर स्टेशन पूरी तरह अलर्ट पर हैं। अतिरिक्त वाहन और कर्मियों की तैनाती दीपावली के दौरान की जाएगी। किसी भी आकस्मिक घटना से निपटने के लिए हमारी टीमें 24 घंटे तैयार रहेंगी। इसी के साथ ही अपेक्षा भाव से सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों से दीपावली के अवसर पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है जिससे हर पटाखा विक्रय स्थल पर आकस्मिकता में बचा जा सका।

शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने किया रेजांग ला रज कलश यात्रा का स्वागत

फतेहपुर। शुक्रवार को फतेहपुर शहर में अमर शहीदों की स्मृति में निकाली गई रेजांग ला रज कलश यात्रा का स्वागत पत्रकारों एवं कलमकारों का शीर्ष संगठन साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन की ओर से भी किया गया। इस दौरान देशभक्ति का अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, जब संगठन के पदाधिकारियों ने यात्रा में शामिल वीर सैनिकों का माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया तथा शहीदों की रज कलश को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।


इस अवसर पर साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान, प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी एवं फतेहपुर जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह तथा जिला सचिव धीर सिंह यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि रेजांग ला के शहीद केवल भारतीय सेना के नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। उनके बलिदान ने भारत की सीमाओं को नहीं, बल्कि देशवासियों के आत्मसम्मान को सुरक्षित रखा है। वहीं संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि रेजांग ला युद्ध भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जहाँ 120 भारतीय जवानों ने पाँच हजार चीनी सैनिकों के मुकाबले लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसी यात्रा हमें अपने शहीदों के त्याग को याद रखने और नई पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने का संदेश देती है। 

बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश जारी, सपा ही दे सकती है सबको सम्मान - सलमान

- भाजपा की नीतियों से गरीब और अल्पसंख्यक दोनों पीड़ित, अल्पसंख्यक समाज अब जागरूक, विकास के मुद्दे पर करेगा वोट 

- फतेहपुर में सपा संगठन पहले से ज्यादा मज़बूत — गांव-गांव तक कार्यकर्ता हैं सक्रिय

- 2027 में अखिलेश यादव की सरकार बनना जनता की ज़रूरत

फतेहपुर। राजनीतिक गलियारों में सक्रिय और जमीनी कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुके समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक सभा के जिलाध्यक्ष मोहम्मद सलमान ने आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों को लेकर अपने विचार साझा किए। बातचीत में उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों, अल्पसंख्यकों की स्थिति, और सपा के मिशन को लेकर बेबाक राय रखी। जिलाध्यक्ष मोहम्मद सलमान ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार में अल्पसंख्यक समाज उपेक्षित है, योजनाओं और नौकरियों से उन्हें वंचित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी ही ऐसी पार्टी है जो सबको साथ लेकर चलने और समान अवसर देने में विश्वास रखती है। सलमान ने कहा कि सपा का लक्ष्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि समाज में भाईचारा और समानता कायम करना है।
प्रस्तुत हैं सपा नेता मोहम्मद सलमान और संपादक शीबू खान के बीच हुई बातचीत के कुछ अंश - 


सवाल: मौजूदा भाजपा सरकार में अल्पसंख्यकों की स्थिति को आप कैसे देखते हैं?

जवाब: अल्पसंख्यकों को लगातार हाशिए पर धकेलने की कोशिश की जा रही है। सरकारी योजनाओं में उनका हक़ और प्रतिनिधित्व कम हुआ है। सच्चर कमेटी की रिपोर्टें आज भी प्रासंगिक हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने न तो उनकी सिफारिशों पर अमल किया और न ही अल्पसंख्यकों के रोज़गार, शिक्षा या सुरक्षा पर गंभीरता दिखाई। यही कारण है कि आज लोग समाजवादी पार्टी की ओर उम्मीद से देख रहे हैं।

सवाल: जिले में सपा संगठन की वर्तमान स्थिति को आप कैसे आंकते हैं?

जवाब: सपा संगठन आज फतेहपुर में पहले से अधिक मज़बूत है। गांव-गांव और बूथ-स्तर तक कार्यकर्ता सक्रिय हैं। अल्पसंख्यक, पिछड़े और दलित समाज सपा के साथ मजबूती से खड़े हैं। पार्टी नेतृत्व ने ज़मीन से जुड़े युवाओं और जनपदीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को आगे लाकर संगठन को नई ऊर्जा दी है।

सवाल: जिले की राजनीति में अल्पसंख्यक समाज की भूमिका को आप कैसे देखते हैं?

जवाब: अल्पसंख्यक समाज अब जागरूक है। वह जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपने हक़ और विकास के मुद्दों पर वोट करना चाहता है। फतेहपुर में भी अब अल्पसंख्यक समाज सत्ता संतुलन की कुंजी बन चुका है। समाजवादी पार्टी ने हमेशा उन्हें सम्मान और हिस्सेदारी दी है।

सवाल: आने वाले चुनाव में सपा की रणनीति क्या होनी चाहिए?

जवाब: सपा को जनता के मुद्दों — महंगाई, बेरोजगारी, किसान, शिक्षा और अल्पसंख्यक सुरक्षा — को केंद्र में रखकर लड़ाई लड़नी चाहिए। कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर बताना होगा कि भाजपा सिर्फ़ प्रचार में मज़बूत है, जबकि सपा ज़मीन पर काम करती है। 2027 में अखिलेश यादव की सरकार बनना अब जनता की ज़रूरत बन चुकी है।

सवाल: व्यक्तिगत रूप से आपकी आगे की सियासी योजना क्या है?

जवाब: मेरा उद्देश्य अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करना है। राजनीति मेरे लिए समाज सेवा का जरिया है, पद का नहीं। संगठन जो जिम्मेदारी देगा, उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा। मेरा सपना है कि फतेहपुर विकास और भाईचारे का मॉडल बने।

मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

मानवता की मिसाल बने "विश्वास स्वरूप", पत्रकार के इलाज के लिए बढ़ाया मदद का हाथ

लखनऊ। समाजसेवा और जनहित के कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने वाले उत्तर प्रदेश के प्रख्यात उद्योगपति विश्वास स्वरूप अग्रवाल, हमेशा अपने कर्मों से यह साबित करते हैं कि संवेदना और सेवा ही सच्चे विकास का आधार हैं।

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विश्वास स्वरूप अग्रवाल का मानना है- “समाज को लौटाना ही सफलता का सबसे बड़ा पुरस्कार है। जब तक दूसरों के चेहरे पर मुस्कान नहीं लाते, तब तक अपनी सफलता अधूरी है।”
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हाल ही में उन्होंने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार पाण्डेय के कैंसर उपचार के लिए ₹4 लाख की तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की। उनके इस सहयोग से वाराणसी स्थित टाटा इंस्टीट्यूट में अजय का सफल ऑपरेशन संभव हो सका। यह केवल मदद नहीं, बल्कि मानवता के प्रति उनके समर्पण की मिसाल है।
विश्वास स्वरूप अग्रवाल पिछले कई वर्षों से समाज के हर वर्ग के लिए विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देते आ रहे हैं। लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल के आग्रह पर उन्होंने ₹35 लाख की लागत से 05 पार्कों में ओपन जिम स्थापित कराए, जिससे बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति नई जागरूकता आई है।
इसके पहले उन्होंने केजीएमयू के ब्लड बैंक के लिए ₹70 लाख की सहायता दी थी, जिससे गंभीर मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने में काफी मदद मिली।
अयोध्या धाम के मिल्कीपुर क्षेत्र में उन्होंने ₹8 लाख की लागत से 25 सोलर लाइटें लगवाईं, जिससे अब वहां की गलियां रोशनी से जगमगा रही हैं और अंधेरे में होने वाले अपराधों पर भी रोक लगी है।
इसी क्रम में हाल ही में उन्होंने लोकबंधु हॉस्पिटल (एलडीए कॉलोनी, लखनऊ) को इको 2डी मशीन हेतु ₹10 लाख की सहायता दी है। अब हृदय रोगियों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
उनके ये कार्य साबित करते हैं कि जब संवेदनशील नेतृत्व और सामाजिक प्रतिबद्धता एक साथ चलते हैं, तब एक बेहतर समाज की दिशा में ठोस कदम उठते हैं।

पीराने पीर दस्तगीर गौस पाक की ग्यारवीं शरीफ पर लोगों ने किया याद

- जगह-जगह हुई फातिहा, लगे या गौस अलमदद के नारे

फतेहपुर।
शनिवार को जिलेभर में हज़रत पीराने पीर दस्तगीर गौस-ए-आज़म (गौस पाक) रहमतुल्लाह अलैह की याद में ग्यारवीं शरीफ का आयोजन अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। इस दौरान जगह-जगह फातिहा, कुरानख्वानी और दुआ-खैर की गई।


इसी कड़ी में खागा तहसील क्षेत्र के सुल्तानपुर घोष गांव में भी बड़ी संख्या में अकीदतमंद एकत्र हुए। इस मौके पर मस्जिद के इमाम क़ारी बिलाल नूरी ने तिलावत-ए-कुरान कराई और बड़े पीर गौस पाक के जीवन और उनके करामात पर तकरीर किया तो उपस्थित लोगों ने गौस पाक की बारगाह में हाजिरी व सलाम पेश करते हुए मुल्क में अमन, चैन, भाईचारा, सलामती और तरक्की की दुआ मांगी।
वहीं सुल्तानपुर घोष गांव में मोहम्मद जुबैर के साहबजादे (बेटे) मोहम्मद उज़ैर के ग्यारहवीं के अवसर पर छल्ले उतरने पर कार्यक्रम आयोजित हुआ जहां फातिहा के बाद लोगों को खाना खिलाया गया तथा जरूरतमंदों में खाना तकसीम भी किया गया। इस दौरान माहौल पूरी तरह रूहानी और भाईचारे से सराबोर नजर आया। अकीदतमंदों ने कहा कि गौस पाक की ग्यारवीं शरीफ हमें इंसानियत, इल्म और मोहब्बत के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है। वहीं सभी घरों में भी बड़े पीर गौस पाक की याद में मीठे व खाना आदि पर फ़ातिहा दिलाया गया है।


गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

2 अक्टूबर : गांधी और शास्त्री की विचारधारा आज भी प्रासंगिक

-"दो महापुरुष, दो विचारधाराएँ, एक ही संदेश – राष्ट्र सर्वोपरि"

भारत का इतिहास 2 अक्टूबर के बिना अधूरा है। यह वह दिन है जब राष्ट्र को दो ऐसे महापुरुष मिले जिन्होंने अपने जीवन, संघर्ष और विचारों से देश ही नहीं, पूरी दुनिया को नई दिशा दी – महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री। गांधी जी को "राष्ट्रपिता" के रूप में और शास्त्री जी को "जननायक" के रूप में याद किया जाता है। दोनों की विचारधाराएँ भले ही अलग-अलग परिस्थितियों में विकसित हुईं, लेकिन उनका मूल सार एक ही था – जनकल्याण, सादगी और राष्ट्रहित।

दोनों महानुभावों को उनकी जयंती पर शत शत नमन!!!
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गांधी जी की विचारधारा : सत्य और अहिंसा का मार्ग

महात्मा गांधी का पूरा जीवन सत्य और अहिंसा की प्रयोगशाला रहा। उनके विचारों का मूल यह था कि सत्य ही ईश्वर है और अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म। गांधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन को हथियारों की जगह नैतिक बल से आगे बढ़ाया। उनका मानना था कि किसी भी समस्या का स्थायी समाधान हिंसा से नहीं, बल्कि संवाद, सत्य और धैर्य से निकल सकता है। ग्राम स्वराज की उनकी परिकल्पना आज भी आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। स्वदेशी, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और सेवा-भाव जैसे उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
गांधी जी की विचारधारा हमें यह सिखाती है कि राजनीति में नैतिकता होनी चाहिए और जीवन में सरलता।

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शास्त्री जी की विचारधारा : सादगी और राष्ट्र प्रथम

लाल बहादुर शास्त्री, जिन्हें गांधी जी की विचारधारा का सच्चा अनुयायी माना जाता है, ने स्वतंत्र भारत को सादगी और ईमानदारी का आदर्श दिया। वे मानते थे कि राष्ट्र निर्माण के लिए अनुशासन और परिश्रम आवश्यक है।
उनका नारा "जय जवान, जय किसान" केवल शब्द नहीं, बल्कि भारतीय समाज की रीढ़ – सैनिक और किसान – को सम्मान देने का विचार था। शास्त्री जी ने दिखाया कि सच्चा नेतृत्व पद या विलासिता में नहीं, बल्कि त्याग और सेवा में है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय उन्होंने देशवासियों को धैर्य और साहस से एकजुट किया और विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास से भरे रहे।
उनकी विचारधारा हमें यह सिखाती है कि सरकार का हर कदम जनता के कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि सत्ता के सुख के लिए।


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समानता और अंतर

गांधी जी और शास्त्री जी की विचारधाराएँ समय और परिस्थिति अनुसार विकसित हुईं। गांधी जी ने विदेशी शासन से मुक्ति के लिए सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया, वहीं शास्त्री जी ने स्वतंत्र भारत को आत्मनिर्भरता, कृषि और सुरक्षा की दिशा दी।
लेकिन दोनों की जीवन शैली सादगीपूर्ण, राजनीति में नैतिकता और जनता के प्रति उत्तरदायित्व पर आधारित थी। दोनों ने यह संदेश दिया कि नेता वह है जो जनता के बीच से उठे और जनता के लिए जिए।


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आज के संदर्भ में प्रासंगिकता

आज जब समाज भौतिकवाद, हिंसा, भ्रष्टाचार और लालच से जूझ रहा है, गांधी और शास्त्री जी की विचारधाराएँ हमें नई दिशा देती हैं।

गांधी जी का "सत्य और अहिंसा" हमें सामाजिक सौहार्द और वैश्विक शांति की राह दिखाता है।
शास्त्री जी का "जय जवान, जय किसान" हमें याद दिलाता है कि राष्ट्र की मजबूती खेत और सीमा पर खड़े लोगों से है।

दोनों की सादगी हमें यह प्रेरणा देती है कि वास्तविक महानता विलासिता में नहीं, बल्कि जनसेवा और नैतिकता में है।

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निष्कर्ष

2 अक्टूबर केवल दो महापुरुषों की जयंती का दिन नहीं, बल्कि यह हमें आत्मनिरीक्षण का अवसर देता है। गांधी और शास्त्री जी की विचारधाराएँ आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं। यदि हम उनके सिद्धांतों को जीवन और राजनीति में उतार सकें, तो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया एक बेहतर और शांतिपूर्ण स्थान बन सकती है।
इस प्रकार 2 अक्टूबर हमें हमेशा यह संदेश देता है –
“सत्य, अहिंसा, सादगी और परिश्रम ही वास्तविक शक्ति है।”

शीबू खान
(राष्ट्रीय महासचिव - साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन)

फतेहपुर में बढ़ा सियासी बवाल: दिवंगत लेखपाल सुधीर के घर पहुँचे अखिलेश यादव, बोले—“दोषियों को बचने नहीं दूंगा”

- अखिलेश यादव ने परिजनों को दिया मदद, सरकार से उठाई कई मांग - एसआईआर के बढ़ते मामलों पर उग्र दिखे सपा सुप्रीमो, कहा संसद में उठाएंगे मुद्दा ...