मंगलवार, 30 सितंबर 2025

फतेहपुर: ग्राम पंचायत इजूरा बुजुर्ग में विकास कार्यों से बदल रहा ग्रामीण जीवन

- ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन के नेतृत्व में पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों की गति तेज

- ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार और बुनियादी सुविधाओं का बढ़ता स्तर

- सक्रिय और समर्पित नेतृत्व के कारण भविष्य में और भी विकास कार्यों की उम्मीद

फतेहपुर। ऐरायां विकास खण्ड के ग्राम पंचायत इजूरा बुजुर्ग में ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन के सक्रिय नेतृत्व में ग्रामीण जीवन में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण विकास कार्य सम्पन्न किए गए हैं। पंचायत क्षेत्र में सड़क, जल, शिक्षा और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
दूसरी बार ग्राम प्रधान बने नदीमउद्दीन ने बताया कि इस पंच वर्षीय में पंचायत में इंटरलॉकिंग मार्गों का निर्माण, खड़ंजा निर्माण, नाली निर्माण, जल निकासी के लिए गांव के सबसे बड़े नाला का निर्माण, कई मार्गों पर मिट्टी पुराई करके सुगम मार्ग बनाया, पंचायत भवन का पुनर्निर्माण करके उसका कायाकल्प किया, पेयजल आपूर्ति योजना का सुधार और जल जीवन मिशन के तहत टंकी निर्माण कार्य प्रगति पर, रोशनी व्यवस्था, विद्यालय का कायाकल्प और स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता, मिड डे मील का कुशल संचालन, समय - समय पर विद्यालय में बैठक का आयोजन जैसी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई। इसके साथ ही सरकार की चलाई गई हर योजनाओं का कुशल संचालन एवं क्रियान्वयन तथा ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना से पात्र लाभार्थियों को आवास निर्माण कराया शेष बचे पात्रों का इस बार के आवास सर्वे में सर्वेक्षण कराया, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण तथा कूड़ा प्रबंधन हेतु आर आर सी सेंटर का निर्माण के साथ ही विभिन्न पेंशन योजनाओं का पात्रों को लाभ दिलाया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्रामीण को बुनियादी सुविधाओं के साथ बेहतर जीवनशैली मिले जोकि ग्रामीण सहयोग से ही यह संभव है।
पंचायत की हकीकत जानने के क्रम में स्थानीय निवासी राजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन की मेहनत और सक्रियता के कारण गांव में बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पहले जहां सड़कें और पानी की समस्याएं आम थीं, अब वहां साफ-सुथरी सड़कें और नल से पानी उपलब्ध है। और जल निकासी की सुविधा से बड़ी राहत मिली है एवं जगह - जगह इंटरलॉकिंग सड़क बनने से अब बरसात में कोई समस्या नहीं होती है। वहीं गांव के ही दूसरे युवक शहंशाह आलम ने बताया कि रोशनी और पेयजल की सुविधा से रात में भी हर कोई सुरक्षित महसूस होता है। रही बात विकास कार्यों की तो ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन के द्वारा कराए गए विकास कार्यों से हम लोग पूर्णतया संतुष्ट हैं। इसी क्रम में गांव के ही वृद्ध मोहम्मद अय्यूब ने बताया कि ग्राम पंचायत का पंचायत सचिवालय प्रतिदिन खुलता है और पंचायत में तैनात पंचायत सहायक प्रतिदिन उपस्थित होकर अपने काम को बेहतरीन तरीके से अंजाम देते हैं जिससे हम लोगों को ऑनलाइन कार्यों को गांव में ही कराने की आजादी मिली है अन्यथा किसी भी ऑनलाइन काम कराने के लिए हमें बाहर कहीं जाना पड़ता था और पैसे भी ज्यादा लगते थें लेकिन अब सुविधा हमारे पंचायत घर में ही है।

ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन की सोंच 

ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण को बुनियादी सुविधाएं मिले और गांव का विकास निरंतर चलता रहे। ग्रामीणों का सहयोग ही हमारे प्रयासों को सफल बनाता है।"
उन्होंने आगे कहा है कि यदि आगामी चुनाव में ग्राम पंचायत की जनता फिर से यानी तीसरी बार मौका देगी तो गांव में विकास कार्यों के साथ ही पंचायत में सरकारी अस्पताल, बैंक, बारात घर आदि प्रमुख जरूरत की चीजों के लिए काम करूंगा जोकि अभी भी प्रयासरत हूं।
 

ग्राम प्रधान नदीमउद्दीन द्वारा कराए गए मुख्य विकास कार्य

इंटरलॉकिंग मार्ग एवं खड़ंजा निर्माण - गांव के मुख्य मार्ग और गलियां अब इंटरलॉकिंग से मजबूत और सुगम हैं। साथ ही खड़ंजा निर्माण से भी गांव में लोगों को राहत मिली है।

पेयजल आपूर्ति सुधार - पुराने नलों की मरम्मत से लोगों को निर्बाध तरीके से जलापूर्ति हो रही है और नई पाइपलाइन की स्थापना से जल्द ही नियमित पेयजल उपलब्ध होगा क्योंकि जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी निर्माणाधीन है।

शिक्षा पर फोकस - ग्राम पंचायत में स्थित कंपोजिट विद्यालय का कायाकल्प कराने के साथ ही शिक्षा गुणवत्ता एवं मिड डे मील का कुशल संचालन किया जाता है और समय - समय पर विद्यालय की मीटिंग करके विद्यालय की हकीकत जांची जाती है।

ग्रामीण कच्चे मार्ग - सार्वजनिक स्थानों और खेत - खलिहानों में सुगमता से पहुंचने के लिए कई मार्गों पर मिट्टी पुराई कराकर उनको बेहतर बनाया गया है।

जल निकासी की सुविधा - जल निकासी जैसी भीषण समस्या से राहत देने के लिए गांव में एक बड़े नाले का निर्माण कराया गया है जिससे अब जल भराव नहीं होता है।

शनिवार, 20 सितंबर 2025

सीजेए के संरक्षक पीयूष त्रिपाठी पहुंचे फतेहपुर, हुआ स्वागत

- पत्रकारिता का सिखाया गुर और दिए दिशा - निर्देश 

फतेहपुर। साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार पीयूष त्रिपाठी शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचे। उनके स्वागत के लिए संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश के पदाधिकारी एवं जिले के विभिन्न पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता पहले से ही तैयार दिखे। जैसे ही वे शहर पहुंचे, फूलमालाओं से उनका स्वागत किया गया।
स्वागत समारोह में एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान, प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी, जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह, जिला महामंत्री सैय्यद शारिब क़मर अज़मी, जिला सचिव धीर सिंह यादव, शहर कमेटी के महताब खान, डम्पी सहित कई अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि संरक्षक के मार्गदर्शन से संगठन को नई दिशा मिलेगी और पत्रकारों के हितों की लड़ाई और मजबूती से लड़ी जाएगी।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने कहा कि “आज फतेहपुर में हमारे मार्गदर्शक एवं संगठन के संरक्षक पीयूष त्रिपाठी जी का आना हमारे लिए गौरव का क्षण है। संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके नेतृत्व से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।”
संगठन के जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह एवं महासचिव सैय्यद शारिब क़मर अज़मी ने कहा कि “एसोसिएशन पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए हमेशा संघर्षरत है। संगठन के संरक्षक पीयूष जी का मार्गदर्शन मिलने से हमें और बल मिलेगा।”
इस दौरान संगठन के संरक्षक पीयूष त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन देशभर में पत्रकारों की आवाज को मजबूती देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है। हमें निर्भीक और निष्पक्ष होकर काम करना होगा। पत्रकारों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठन हमेशा संघर्षरत रहेगा। इसी दौरान लखनऊ से आए वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र तिवारी उर्फ पुत्तन तिवारी ने खबर लेखन एवं खबर विधा की चर्चा करते हुए खबरों को निष्पक्ष एवं पारदर्शिता से लिखने का ज्ञान दिया है।
स्वागत कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर संगठन को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान हिंदी दैनिक द बैनर समाचार पत्र के प्रधान संपादक शैलेन्द्र तिवारी उर्फ पुत्तन तिवारी के साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद शारिक, फैसल, सैय्यद तकी आब्दी उर्फ अर्शु आब्दी, मुहाफ़िज़ आब्दी, युवा समाजसेवी मोहम्मद यासीन वारसी सहित अन्य लोग मौजूद रहे हैं। इससे पहले सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

रविवार, 14 सितंबर 2025

विशेष साक्षात्कार: होम्योपैथी चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति मिश्रा से संपादक शीबू खान की वार्तालाप होम्योपैथी धैर्य, विश्वास और सही परामर्श की चिकित्सा पद्धति: डॉ. स्वाति मिश्रा

- जानें महिला चिकित्साधिकारी होने के नाते उनकी भूमिका और अनुभव

- समझें ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियां

- विचारें भविष्य में होम्योपैथी की संभावनाएं

आज हमारे साथ खास बातचीत में जुड़ रही हैं डॉ. स्वाति मिश्रा, जो राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय सुल्तानपुर घोष, जनपद फतेहपुर में बतौर प्रभारी चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर लोगों में लगातार बढ़ती जागरूकता, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियां और भविष्य की संभावनाओं पर करेंगे उनसे खुलकर चर्चा। पढ़िए हमारे संपादक शीबू खान से हुई डॉ. स्वाति मिश्रा से बातचीत के कुछ अंश -

शीबू खान: डॉ. स्वाति मिश्रा जी, सबसे पहले आप हमें अपने पृष्ठभूमि और चिकित्सा क्षेत्र में आने की प्रेरणा के बारे में बताइए।

उत्तर: मैं बचपन से ही लोगों की सेवा करने और समाज में कुछ सकारात्मक योगदान देने की इच्छा रखती थी। होम्योपैथी मुझे इसलिए पसंद आई क्योंकि यह प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते और मरीजों को लंबे समय तक स्थायी राहत देती है। यही वजह रही कि मैंने इस क्षेत्र को चुना।

शीबू खान: राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय, सुल्तानपुर घोष में आपकी तैनाती के बाद स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही?

उत्तर: यहां के लोग बहुत सहयोगी और संवेदनशील हैं। शुरुआत में लोगों को विश्वास दिलाना जरूरी था कि होम्योपैथी उनके लिए प्रभावी हो सकती है। अब धीरे-धीरे मरीजों का भरोसा बढ़ रहा है और नियमित रूप से यहां आकर उपचार करा रहे हैं।

शीबू खान: आपके अनुसार ग्रामीण इलाकों में होम्योपैथी की कितनी संभावनाएं हैं?

उत्तर: बहुत ज्यादा। ग्रामीण इलाकों में लोगों की आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को देखते हुए होम्योपैथी बेहतर विकल्प बन सकती है। यह सस्ती है, सुरक्षित है और आसानी से उपलब्ध कराई जा सकती है।

शीबू खान: होम्योपैथी को लेकर आम जनता में कौन-कौन सी गलत धारणाएं हैं?

उत्तर: सबसे बड़ी धारणा यह है कि होम्योपैथी बहुत धीमे असर करती है। जबकि यह पूरी तरह सही नहीं है। कई बीमारियों में तुरंत असर देखने को मिलता है, खासकर एलर्जी, सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग और बच्चों की बीमारियों में। दूसरी गलतफहमी यह है कि इसमें वैज्ञानिक आधार नहीं है, जबकि आज कई शोध यह साबित कर रहे हैं कि होम्योपैथी का असर वास्तविक और दीर्घकालिक है।

शीबू खान: आपके चिकित्सालय में किस प्रकार के मरीज अधिक आते हैं?

उत्तर: यहां सबसे ज्यादा मरीज गैस्ट्रिक समस्याओं, त्वचा रोगों, गठिया, एलर्जी और बच्चों की सामान्य बीमारियों के साथ आते हैं। महिलाएं भी अपने स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के लिए परामर्श लेती हैं।

शीबू खान: आपने अब तक के अपने कार्यकाल में कौन-सा अनुभव सबसे यादगार पाया?

उत्तर: मेरे लिए हर मरीज की मुस्कान और उसका विश्वास सबसे बड़ा पुरस्कार है। खासकर तब, जब कोई पुरानी बीमारी से परेशान मरीज धीरे-धीरे पूरी तरह स्वस्थ होकर कहता है कि "मैडम, अब मुझे दवा की जरूरत नहीं पड़ती", तो वह क्षण बेहद यादगार बन जाता है।
यादगार में कहें तो एक महिला जोकि 10 साल से इन्फर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करा रही थी पर उसे सफलता नहीं मिल रही थी।बहुत हताश हो गई थी। किसी ने उसे हमारे चिकित्सालय के बारे में बताया। यहां उसने मात्र 3 महीने इलाज कराया फिर उसके बाद उसकी प्रेग्नेंसी हो गई वो बहुत खुश थी। इसी तरह के कई केसेज आते हैं जो आम जनमानस में होम्योपैथी के प्रति विश्वास और गहरा करते हैं।

शीबू खान: भविष्य के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?

उत्तर: मैं चाहती हूं कि होम्योपैथी को और ज्यादा वैज्ञानिक तरीके से प्रचारित-प्रसारित किया जाए। मेरा लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर अधिक से अधिक लोगों तक मुफ्त उपचार पहुंचाऊं। साथ ही, युवाओं को जागरूक करूं कि वे प्राकृतिक और सुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों को अपनाएं।

शीबू खान: होम्योपैथी को लेकर आप क्या संदेश देना चाहती हैं?

उत्तर: “होम्योपैथी धैर्य, विश्वास और सही परामर्श की चिकित्सा पद्धति है। अगर लोग इसे समझकर अपनाएं तो बिना साइड इफेक्ट के बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं।”

गुरुवार, 11 सितंबर 2025

विशेष साक्षात्कार: फतेहपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता जावेद खान से शीबू खान की वार्तालापन्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए, अब सिर्फ कहावत - जावेद खान

- एक गरीब महिला के लड़के के अपरहण में अपराधी को जेल कराना जिससे संतुष्टि मिली 

- वकील ने माना – अपराध से जुड़े केस लड़ते वक्त दबाव और धमकियों का सामना करना पड़ता है

- संदेश - कानून का सम्मान करें, क्लाइंट को सच्ची सलाह दें, शॉर्टकट न अपनाएं

फतेहपुर जनपद में अपराध से जुड़े मामलों में न्याय दिलाने का काम आसान नहीं होता। यहां अपराध की जड़ें गहरी हैं और कानूनी लड़ाई लंबी व पेचीदा। लेकिन कुछ वकील अपनी समझ, अनुभव और हिम्मत से न केवल अपराधियों को सजा दिलाते हैं बल्कि कई बेगुनाहों को भी जेल से बाहर निकलवाने का साहसिक काम कर चुके हैं। ऐसे ही फतेहपुर जिले के टॉप क्रिमिनल वकील जावेद खान जो फतेहपुर के मशहूर वकील रहे मरहूम शफीकुल गफ्फार के शागिर्द रहते हुए वकालत में अपनी अलग महारत पाई है। अब मरहूम शफीकुल गफ्फार के न रहने पर उनके बस्ते का समूचा संचालन अपनी एक मजबूत टीम के साथ विधिक कार्य देखते हुए अपने काम को एडवोकेट जावेद खान बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
उनके सक्रिय विधिक कार्यों को देखते हुए प्रधान संपादक शीबू खान से हुई एडवोकेट जावेद खान से खास बातचीत के प्रमुख अंश—

शीबू खान: आपको क्रिमिनल लॉ में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

जावेद खान: बचपन से ही मुझे न्याय व्यवस्था और कोर्ट के कामकाज में दिलचस्पी थी। मैंने देखा कि अक्सर गरीब लोग झूठे मुकदमों में फंसा दिए जाते हैं या गरीब लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है या यूं कहें कि गरीबों के मामले में अमीर या रसूखदार लोग बच जाते हैं। मुझे लगा कि अगर मैं इस क्षेत्र में आऊं तो उन लोगों को न्याय दिलाने में मदद कर पाऊंगा। यही सोचकर क्रिमिनल लॉ को चुना।

शीबू खान: फतेहपुर जिले में किस तरह के क्रिमिनल केस ज्यादा आते हैं?

जावेद खान: यहां सबसे ज्यादा केस जमीनी विवाद से आपराधिक मामले, मारपीट, दहेज प्रथा से जुड़े अपराध, घरेलू हिंसा, हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों के आते हैं। इसके अलावा चुनावी समय में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज होते हैं।

शीबू खान: क्रिमिनल केस लड़ते समय सबसे बड़ी चुनौती क्या होती है?

जावेद खान: सबसे बड़ी चुनौती है सच्चाई तक पहुंचना। गवाह अक्सर दबाव में मुकर जाते हैं, पुलिसिया जांच में भी कई बार खामियां रह जाती हैं। ऐसे में हमें अपने अनुभव और तथ्यों के आधार पर अदालत को यकीन दिलाना होता है।
इंग्लैंड के पूर्व चीफ जस्टिस लॉर्ड हेवर्ड ने 1924 में एक केस की सुनवाई करते हुए कहा था कि न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए लेकिन आज न्यायिक प्रणाली में ऐसा नहीं हो रहा है जो महज एक कहावत ही बनकर रह गई है।

शीबू खान: आपके हिसाब से न्याय होना और न्याय होते दिखना कैसे माना जाए?

जावेद खान: किसी भी प्रकरण में त्वरित एफआईआर हो, निष्पक्ष और प्रभावी विवेचना (अन्वेषण) हो, शीघ्र विचारण (ट्रायल) हो और विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों संबंधी मामलों में तेजी से सुनवाई एवं निस्तारण हो और सबसे बड़ी बात कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ पुलिस एवं न्यायालय के स्तर से सख्त कार्रवाई होना चाहिए। ऐसा होने से ही "न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए" जैसे कथन चरितार्थ होता दिखाई देगा।

शीबू खान: आपके करियर का कोई ऐसा केस जिसे आप भूल नहीं सकते?

जावेद खान: एक गरीब महिला के लड़के का अपहरण किया गया था और आज तक उस लड़के का पता नहीं चला है जोकि इस बात को तकरीबन 10 साल हो गए हैं और इस आधार पर शायद अपराधियों ने उस लड़के की हत्या कर दी हो, उस केस के अभियोजन की ओर से सही और मजबूत पैरवी न हो पाने से उस महिला को न्याय नहीं मिल पा रहा था चूंकि महिला बहुत गरीब थी जिसकी गरीबी का ये आलम था कि वो डॉक्यूमेंट्स चार्ज भी नहीं दे सकती थी। इस केस में मेरे द्वारा उस महिला को मानसिक और आर्थिक सहयोग करते हुए उस केस के सारे खर्चे मैंने स्वयं अपने पास से भरते हुए मजबूत पैरवी करके उस केस में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा कराई। इस सजा से मुझे बहुत तसल्ली हुई लेकिन उसका लड़का नहीं मिल सका जिसका दुःख भी है।

शीबू खान: क्या आपको कभी दबाव या धमकी का सामना करना पड़ा है?

जावेद खान: जी हां, कई बार हुआ है। अपराध से जुड़े केसों में अक्सर दबंग और प्रभावशाली लोग शामिल होते हैं। लेकिन अगर आप सच्चाई और कानून के साथ खड़े हैं, तो डरने की जरूरत नहीं है। मैं मानता हूं कि वकील का धर्म है बिना झुके न्याय दिलाना।

शीबू खान: नए वकीलों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

जावेद खान: मैं यही कहूंगा कि मेहनत और ईमानदारी से केस की तैयारी करें। शॉर्टकट लेने से कभी वकालत में सफलता नहीं मिलती। अदालत का सम्मान करें, क्लाइंट को सच्ची सलाह दें और न्याय को सर्वोच्च मानें।



परिचय

नाम - एडवोकेट जावेद खान 
पिता का नाम - निजामुद्दीन खान (सेवानिवृत्त पुलिस उप निरीक्षक, उत्तर प्रदेश पुलिस)
शैक्षिक योग्यता - MA (इंग्लिश), LLB (पीपीएन कॉलेज कानपुर, संबद्ध छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय)
जन्मतिथि - 15 जुलाई, 1984
पैतृक स्थान - मदोकीपुर, थाना - कल्याणपुर (फतेहपुर)
वर्तमान पता - पीरनपुर, फतेहपुर
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण - 2009
विधिक व्यवसायिक गुरु - मरहूम शफीकुल गफ्फार, वरिष्ठ अधिवक्ता

विशेष साक्षात्कार: वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद जफर से संपादक शीबू खान से वार्तालाप "वोट चोर गद्दी छोड़" नारे के साथ कांग्रेस उतरेगी जनता के बीच

- भाजपा और चुनाव आयोग पर कांग्रेस नेता का सीधा आरोप

- “जनता से हुआ विश्वासघात, नतीजों पर पड़ा असर”

- गांव-गांव गूंज रहा है – “वोट चोर गद्दी छोड़” जिससे चल चुकी है बदलाव की लहर 

देश की मौजूदा राजनीति में “वोट चोर गद्दी छोड़” का नारा एक आंदोलन का रूप ले चुका है। देश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने इस नारे को जनता की आवाज़ बताते हुए भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला है। उनका आरोप है कि भाजपा ने सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया से समझौता किया और चुनाव आयोग ने निष्पक्षता की जगह सत्ता के दबाव में काम किया। अब इस नारे को समूचा विपक्ष मजबूती से उठाने लगा है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता अब बदलाव चाहती है। वह कहते हैं कि यह नारा सिर्फ़ एक राजनीतिक जुमला नहीं बल्कि जनता के गुस्से और विश्वासघात की अभिव्यक्ति है। फिलहाल, इसी वर्ष के आखिर में बिहार राज्य के विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ ही राजद नेता तेजस्वी यादव भी आक्रामक होते दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों से बिहार में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा की गूंज समूचे देश में सुनाई देती आ रही है।
राहुल गांधी के दिए नारे "वोट चोर गद्दी छोड़" के साथ ही वर्तमान के हालात एवं कांग्रेस की अगली रणनीति पर चर्चा के लिए संपादक शीबू खान द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (विचार विभाग) के प्रदेश महासचिव मोहम्मद जफर से हुई बातचीत के कुछ अंश - 


शीबू खान: “वोट चोर गद्दी छोड़” नारे का क्या मतलब है और यह इतना ज़ोर क्यों पकड़ रहा है?

मो० जफर: यह नारा जनता की पीड़ा और गुस्से की आवाज़ है। भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए हर तरह की चालें चलीं— झूठे वादे, झूठे आंकड़े और चुनावी संस्थाओं पर दबाव तक दिया। जनता देख रही है कि वोट के नाम पर उनके साथ छल हुआ है। इतना सब देखने के बाद अब जनता भी कह रही है “वोट चोर गद्दी छोड़”, तो यह सीधे उस अन्याय के खिलाफ है जो लोकतंत्र के साथ हुआ।

शीबू खान: आप या आपकी पार्टी या यूं कहें कि आपके नेता राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की। इस पर आपका क्या कहना है?

मो० जफर: हम या हमारी पार्टी या हमारे नेता राहुल गांधी जो कह रहे हैं वो शत प्रतिशत सही है। क्योंकि चुनाव आयोग लोकतंत्र का प्रहरी है, लेकिन आज वह निष्पक्ष भूमिका निभाने में असफल साबित हुआ है। कई जगह पर धांधली के आरोप लगे, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही और सरकार के दबाव में फैसले लिए गए। जब संस्थाएँ सत्ता की कठपुतली बन जाती हैं, तो जनता का भरोसा टूटता है। यही वजह है कि जनता का गुस्सा नारों में बदल रहा है।

शीबू खान: क्या कांग्रेस को लगता है कि चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत से चुनाव परिणाम प्रभावित हुए हैं?

मो० जफर: बिल्कुल हुए हैं। जब सत्ता पक्ष नियमों को तोड़कर चुनाव लड़ता है और आयोग आंख मूंद लेता है, तो यह साफ़ है कि लोकतंत्र खतरे में है। हमने कई उदाहरण दिए, जैसे मीडिया कवरेज का असमान बंटवारा, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी। ये सब एक ही दिशा की ओर इशारा करते हैं वो है मिलीभगत।

शीबू खान: इस स्थिति में कांग्रेस की अगली रणनीति क्या होगी?

मो० जफर: हमारी रणनीति साफ है। हम जनता तक सच पहुंचाएँगे। सच्चाई को दबाया जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता। “वोट चोर गद्दी छोड़” सिर्फ़ एक नारा नहीं है, यह जनता की क्रांति है। हम इस आवाज़ को गांव-गांव तक ले जाएंगे और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।

शीबू खान: आप कह रहे हैं कि जनता आपके साथ आयेगी, लेकिन क्यूं और कैसे?

मो० जफर: बिल्कुल जनता कांग्रेस पार्टी के साथ आयेगी क्योंकि जब हमारी सरकारें रहीं, तब मनरेगा, किसान ऋण माफी, शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं से लोगों को राहत मिली थी। हम उद्योगों को प्रोत्साहन देकर नौजवानों को रोजगार देंगे और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाएंगे। देश का हर वर्ग हमसे जुड़ेगा क्योंकि कांग्रेस ने करके दिखाया है। हमने कभी भी धर्म, जाति एवं नफरत की राजनीति नहीं की है। हमारे नेताओं ने देश के लिए कुर्बानियां तक दी हैं। यही सब वजह और विश्वास है कि जनता अब कांग्रेस और उसकी नीतियों के साथ है और आगामी चुनावी परिणामों में इसका असर साफ देखने को मिलेगा।

शीबू खान: जनता को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

मो० जफर: मैं जनता से कहना चाहता हूँ कि यह देश आपका है, लोकतंत्र आपका है। जब आपकी आवाज़ दबाई जाती है, तो लड़ना आपकी ज़िम्मेदारी है। भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से जनता का विश्वास तोड़ा गया है। लेकिन सच की जीत होगी। गद्दी पर बैठने वालों को जनता आखिरकार जवाब देगी। देश का नागरिक अब जान चुका है और जाग भी चुका है।

बुधवार, 10 सितंबर 2025

शहंशाह आब्दी को किया गया सम्मानित

फतेहपुर। वरिष्ठ पत्रकार एवं साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी को अंजुमने मज़लूमिया हैदरगंज अन्दहरा (कौशाम्बी) द्वारा उनके कार्यों को देखते हुए इस्लामिक मंच से शील्ड देकर सम्मानित किया गया है।
बताते चलें कि कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर के निकट अन्दहरा में मंगलवार की बीती रात 16 रबीउल अव्वल को जश्ने आमदे रसूल के कार्यक्रम के तहत हुए जश्ने यासीन ओ सादिक के मौके पर समाज एवं विशेषकर धार्मिक कार्यों को मीडिया के माध्यम से आगे कर हर छोटे - बड़े कार्यक्रमों को न्यूज के माध्यम से दिखाना एवं सामाजिक कार्यों में बढ़चढकर हिस्सा लेना एवं गरीबों, मजलूमों को उनके हक़ - हुक़ूक़ व इंसाफ की लड़ाई में व्यक्तिगत एवं पत्रकारिता के माध्यम से मदद करने के लिहाज सेअंजुमने मज़लूमिया हैदरगंज अन्दहरा (कौशाम्बी) द्वारा उनको मंच से उपस्थित उलमाओं के हाथ से सम्मानित करते हुए शील्ड प्रदान की गई है। 
इस मौके पर श्री आब्दी ने कमेटी के सभी पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया है साथ ही कहा है कि समाज के हर हिस्से के लिए बतौर एक पत्रकार एवं एक सामाजिक कार्यकर्ता मैं हाज़िर रहूंगा और मजलूमों की आवाज बनता रहूंगा। इस अवसर उन्होंने विशेषकर कार्यक्रम आयोजक मशहूर शायर ज़फ़र साहब का आभार जताया है।

मंगलवार, 9 सितंबर 2025

पड़ताल: पंचायतों का हाल एवं पंचायतों के नुमाइंदों का डर

शीबू खान 

- सरकंडी ग्राम पंचायत की कार्यवाही से पंचायतों में हड़कंप, रोजगार सेवकों पर मंडराया खतरा

- ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिवों में भी दिखने लगा भ्रष्टाचार का भय

- प्रत्येक योजना के लाभ देने में नियमानुसार कार्य होने की होने लगी हैं बात

- मनरेगा में बिना काम किए लाभ लेने वालों को रटाया जाने लगा पाठ

फतेहपुर। जिले की ज्यादातर पंचायतों में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, सड़क व नाली निर्माण जैसे कार्य तो कागजों पर खूब दिखते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अलग होती है। कई जगह अधूरे कार्य, घटिया सामग्री और बंद पड़ी योजनाएं ग्रामीणों को साफ दिखाई देती हैं। यही वजह है कि जब सरकंडी पंचायत की जांच हुई तो अन्य पंचायतों के प्रतिनिधियों को भी डर सताने लगा है। जिले की सरकंडी ग्राम पंचायत में हुई हालिया कार्यवाही ने पूरे जनपद की पंचायतों में खलबली मचा दी है। ग्राम पंचायत में हुए वित्तीय एवं विकास कार्यों की जांच के बाद प्रशासन ने कठोर कदम उठाए, जिससे अब अन्य पंचायतों के प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक भी सहमे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, सरकंडी पंचायत में आवास के नाम पर अवैध वसूली एवं मनरेगा सहित कई विकास योजनाओं में अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के बाद जिले की अन्य पंचायतों में डर का माहौल व्याप्त है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव तो डरे ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता ग्राम रोजगार सेवकों को सता रही है। मनरेगा के अधिकांश कार्य उन्हीं के जरिए संचालित होते हैं, ऐसे में योजनाओं में यदि कहीं गड़बड़ी या भ्रष्टाचार पाया जाता है तो सबसे पहले उन्हीं पर कार्रवाई का खतरा मंडराता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई पंचायतों में मनरेगा कार्यों में लापरवाही और धन के दुरुपयोग की शिकायतें लंबे समय से की जा रही थीं, लेकिन प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई। अब सरकंडी की कार्यवाही ने बाकी पंचायतों को सचेत कर दिया है। 
सरकंडी गांव के ही एक निवासी का कहना है कि गांव में हुए कार्यों की जांच बिल्कुल सही कदम है। अगर योजनाओं का पैसा सही तरीके से खर्च नहीं हुआ है तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। इससे बाकी पंचायतों को भी सबक मिलेगा। वहीं, पास के गांव की निवासी एक महिला ने कहा कि गांव के विकास का पैसा जनता का है। अगर कोई रोजगार सेवक या प्रधान या फिर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उसमें गड़बड़ी करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। सरकंडी का मामला हम सबके लिए चेतावनी है।
ग्राम पंचायतों के कई रोजगार सेवकों का मानना है कि योजनाओं में पारदर्शिता और प्रशासनिक निगरानी बेहद जरूरी है, ताकि बिना वजह आरोप-प्रत्यारोप और कार्रवाई का खतरा न बने। वहीं, जिला पंचायतीराज विभाग के सूत्र बताते हैं कि शासन स्तर से भी स्पष्ट निर्देश हैं कि मनरेगा और अन्य विकास कार्यों में गड़बड़ी पाए जाने पर किसी भी स्तर के जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि पूरे प्रकरण में जिला पंचायतीराज अधिकारी (डीपीआरओ) उपेन्द्र राज ने कहा है कि शासन की मंशा साफ है कि मनरेगा और विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकंडी पंचायत की तरह अन्य जगह भी यदि शिकायतें मिलेंगी और जांच में सत्य पाई गईं, तो कठोर कार्रवाई होगी। जिम्मेदारी से बचने का अवसर किसी को नहीं मिलेगा।
वहीं अधिकांश ग्राम पंचायतों में सरकंडी काण्ड के बाद से बदलाव की बयार देखने को मिलने लगी है। पंचायतों में योजनाओं का लाभ लेने वाले लाभार्थियों को अब शासन के कायदे - कानून बताए जाने लगे हैं जबकि पहले हर कार्य के एवज में नीचे से लेकर ऊपर तक खर्चा की बात कहकर मांग होती थी। इसके साथ ही मनरेगा घोटाला न खुल सके इसके लिए मनरेगा में जिन बिना काम करने वालों को लाभ दिया जाता रहा है अब उनको बुलाकर तोता की भांति रटाया जा रहा है कि कोई भी जांच आए या अधिकारी आए तो उनको कबूल करना होगा कि हां हमने मजदूरी की है और मजदूरी का भुगतान खाते पर मिला है।
खैर सरकंडी प्रकरण ने यह साबित कर दिया है कि अब लापरवाही या भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शने का दौर खत्म हो चुका है। ऐसे में पंचायतों में काम कर रहे रोजगार सेवक, प्रधान और सचिव अब अपने कार्यों को लेकर सतर्कता बरतने लगे हैं।

मनरेगा में खेला करने की निशानदेहियां

1. हाजिरी के नाम पर सबसे बड़ा खेल करते हैं ग्राम रोजगार सेवक 
2. ठेकेदारी प्रथा के तहत अधिकांश काम करवाते हैं ग्राम रोजगार सेवक 
3. बिना काम करने वालों के खाते में पैसा डालकर उनको 500 या कुछ धनराशि देकर पूरा पैसा लेते हैं रोजगार सेवक 
4. मनरेगा के उद्देश्यों को धता बताकर काम करते हैं ग्राम रोजगार सेवक 
5. बकौल ग्राम रोजगार सेवक, सबको कमीशन देना पड़ता है प्रत्येक कार्य पर तब पास होता है पैसा
6. मनरेगा जॉब कार्ड की जांच की जाएं तो मिलेंगी बड़ी से बड़ी खामियां
7. कुछ जगहों पर एक जॉब कार्ड धारक एक ही तारीख में एक ही पंचायत से उठा रहा दो - दो भुगतान


शनिवार, 6 सितंबर 2025

निःशुल्क हेलमेट वितरण और 5G रेडियम स्टीकर से किया गया यातायात के प्रति जागरूक

- वाहनों पर लगाए गए 5G रेडियम स्टीकर, रात में बढ़ेगी सुरक्षा

- यातायात प्रहरी फिरोज़ ने कहा – "हेलमेट केवल पुलिस से बचाव नहीं, जीवन की सुरक्षा है"

- हेलमेट पाकर युवाओं ने जताई खुशी, लिया नियम पालन का संकल्प

फतेहपुर। सड़क सुरक्षा को लेकर जिले में एक सराहनीय पहल देखने को मिली। शनिवार को थाना सुल्तानपुर घोष क्षेत्र अंतर्गत इज़ूरा बुजुर्ग चौराहे पास भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट एवं इज़ूरा गांव के मूल निवासी तथा राजस्थान में जोधपुर - पाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन (जेपीईपीएल) के सीएसआर एवं सेफ़्टी विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक फिरोज़ खान के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क हेलमेट वितरण एवं वाहनों पर 5G रेडियम स्टीकर लगाकर लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे और अभियान की सराहना की।
कार्यक्रम का शुभारंभ इज़ूरा गांव के प्रमुख चौराहे पर हुआ, जहां स्थानीय पुलिस और सामाजिक संगठनों ने मिलकर दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट बांटे। इसके साथ ही, रात में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए वाहनों पर 5G रेडियम स्टीकर लगाए गए ताकि अंधेरे में भी वाहन दूर से दिखाई दे सकें और दुर्घटनाओं की आशंका कम हो।
थाना सुल्तानपुर घोष में तैनात उप निरीक्षक आनंद वर्मा एवं सड़क सुरक्षा पर काम करने वाले एवं राजस्थान सरकार से सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सम्मानित फिरोज़ खान ने मौके पर लोगों से अपील की है कि वे हेलमेट को केवल पुलिस से बचने के लिए न पहनें बल्कि अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इसे रोज़ाना उपयोग करें। उन्होंने आगे कहा कि “सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें बिना हेलमेट वाले दोपहिया चालकों की होती हैं, ऐसे में यह अभियान जीवन बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार, शायर एवं शिक्षक शिवशरण बंधु तथा भाकियू टिकैत गुट के युवा जिलाध्यक्ष एडवोकेट विवेक यादव एवं युवा जिला उपाध्यक्ष विपिन सिंह यादव एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों ने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के प्रति प्रेरित करना है। आने वाले दिनों में ग्रामीण इलाकों में भी इस तरह के जागरूकता शिविर गांव - गांव में लगाए जाएंगे। वहीं हेलमेट पाकर युवा खासे उत्साहित नजर आए। कई लोगों ने कहा कि अक्सर महंगे दाम के कारण वे हेलमेट नहीं खरीद पाते थे, लेकिन अब वे इस सुविधा का लाभ लेकर सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। इस दौरान लोगों ने संकल्प लिया कि वे स्वयं भी नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
इस दौरान नि:शुल्क हेलमेट वितरण के साथ ही चालकों को गुलाब के फूल देकर सम्मानित भी किया गया। इतना ही नहीं गणेश शंकर विद्यार्थी इंटर कॉलेज में छात्रों को सड़क सुरक्षा के नियम के साथ ही जीवन रक्षा की शपथ भी दिलाई गई।

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